
बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) उर्फ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) इन दिनों काफी चर्चा में हैं। धीरेंद्र की चर्चा उसका जादू टोना नहीं बल्कि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए नागपुर (Nagpur) से भागने की वजह से चर्चा में है। दरअसल श्याम मानव (Shyam Manav) नाम के सोशलिस्ट ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी थी कि अगर उसमें कोई शक्ति है तो उसका यहां आकर प्रदर्शन करें और अपने आपको साबित करें। धर्म के नाम पर लोगों को उल्लू न बनाये।

इसके बाद श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ नागपुर पुलिस (Nagpur Police) को शिकायत दी थी। धीरेंद्र का कार्यक्रम 13 जनवरी को खत्म होना था लेकिन वो अपने कार्यक्रम खत्म होने से 2 दिन पहले ही भाग खड़ा हुआ।
इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा और उधर कुछ मीडिया ने भी उसकी बखिया उधेड़नी शुरू कर दी।
फिर क्या था पंडित धीरेंद्र शास्त्री बौखला गया और इसी बौखलाहट में पहले श्याम मानव को धर्म विरोधी बता दिया और इसके बाद उसके खिलाफ न्यूज दिखाने वाले पत्रकारों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें भी धर्म के खिलाफ बताते हुए अधर्मी बता दिया। यही नहीं पंडित धीरेंद्र शास्त्री के चेले चपेटों ने उन मीडिया वालों को बुरा भला कहना शुरू कर दिया जो धीरेंद्र का कच्चा चिट्ठा खोल रहे थे।
इसी कड़ी में खबर 24 एक्सप्रेस (Khabar 24 Express) के मैनेजिंग एडिटर मनीष कुमार अंकुर (Managing Editor Manish Kumar Ankur) भी लपेटे में आ गए उनके पास भी धमकियों भरे फ़ोन आये। उन्हें देख लेने की धमकी तक दी गई। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के चेलों का कहना था कि तुम अधर्मी हो, अगर तुमने लिखना बंद नहीं किया तो बाबा का प्रकोप लगेगा। हनुमान जी तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। चेलों ने मनीष कुमार अंकुर (Manish Kumar Ankur) से धमकी भरे लहजे में कहा कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।
मनीष कुमार अंकुर ने बड़ी ही शालीनता के साथ कहा कि भगवान के नाम पर तुम लोग जो खेल कर रहे हो, हनुमान जी मेरा नाश नहीं बल्कि बाबा और तुम सब कथित भक्तों का नाश करेंगे। तुम और तुम्हारा बाबा सनातन को बर्बाद करने का काम कर रहे हो।
मनीष ने कहा कि लोगों की परेशानियां जान लेने और उनकी समस्याओं का निदान भी बता देने का दावा बाबा करता है। अपने ‘दिव्य दरबार’ में आने वाले लोगों को ठीक करने की बात कहता है तो बाबा पहले ने यह पहले से क्यों नहीं बता दिया था कि कोविड महामारी आने वाली है? क्या इस कोविड में बाबा के दरबार में आने वाले लोगों के परिजन नहीं मरे होंगे? कोई आंतकवादी हमला होने वाला है ये बाबा नहीं बताता? जब बाबा किसी को ठीक करने की बात कहता है तो क्या देश के लिए भी ऐसा कुछ नहीं कर सकता है?

मनीष कुमार अंकुर ने कहा कि बाबा में इतनी ही शक्तियां हैं तो साबित क्यों नहीं करता? देश में ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनको करके वो अपनी शक्तियों को साबित कर सकता है। वो बताए कि पुलवामा में आरडीएक्स कौन लेकर आया था और आतंकवादियों के मददगार वे कौन लोग थे? भारत में कहां- कहां आतंकवादी छिपे हैं, चीन भारत के खिलाफ क्या साजिश रच रहा है, पाकिस्तान भारत के खिलाफ क्या षड्यंत्र कर रहा है? हमारे जवानों पर कौन छिपकर वार कर रहा है? किसके पास कालाधन है? कौन रिश्वत ले रहा है? ऐसे तमाम कार्य हैं जो बाबा अपनी शक्तियों से करके देश का भला कर सकता है। उसे आगे आना चाहिए और देश का भला करना चाहिए वरना इस तरह के कार्य तो सुहानी शाह भी करती हैं लेकिन सुहानी किसी इंसान को बेवकूफ बनाकर अपनी झोली नहीं भरती है। किसी की जमीन पर कब्जा नहीं करती है, किसी सरकारी जमीन पर अपना आश्रम नहीं बनाती। लेकिन बाबा ये सब करता है।
मनीष कुमार अंकुर ने कहा कि वो बाहर भी जाएंगे और अपने काम भी करेंगे। बाबा के खिलाफ पहले से ज्यादा लिखेंगे और बाबा के कारनामों को उजागर भी करेंगे। आज नहीं तो कल एक न एक दिन गिरफ्तार भी करवाएंगे धीरेंद्र शास्त्री से जो बन पड़े कर ले।
मनीष कुमार अंकुर ने कहा कि ऐसे फर्जी बाबा हिंदुत्व को बदनाम करते हैं, अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए हिंदुत्व का सहारा लेते हैं। किसी को भी हिंदुत्व या सनातन से परेशानी नहीं है। असल दिक्कत ऐसे फर्जी बाबाओं से है। मनीष ने कहा कि मैं हिंदू हूँ और सनातन धर्म में मेरी पूरी आस्था है। मनीष ने कहा कि मैं हनुमान भगवान में आस्था रखता हूँ। लेकिन इसका सर्टिफिकेट मुझे किसी फर्जी बाबा या उसके भक्तों को नहीं लेना है। हां बाबा अपनी शक्तियों को प्रामाणिक कर दे मैं बाबा का शिष्य बन जाऊंगा। मनीष कुमार अंकुर ने कहा कि वे बागेश्वर धाम जाएंगे और अर्जी भी लगाएंगे, वो अर्जी मेरी स्वयं की नहीं बल्कि देश के लिए होगी और अगर बाबा ने बता दिया तो मैं बाबा का न केवल शिष्य बन जाऊंगा बल्कि सब कुछ छोड़कर बाबा का प्रचार प्रसार करूंगा।
बता दें कि बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार के नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ‘श्रीराम चरित्र-चर्चा’ का वाचन किया था। वहीं की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कथावाचक शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रेत दरबार’ की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है।
अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चैलेंज दिया गया था कि आप हम लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाएं और सत्य बता देने पर आपको 30 लाख रुपए भेंट स्वरूप राशि दी जाएगी। मगर दावा किया गया है कि अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की वजह से दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को ही धीरेंद्र शास्त्री ने कथा समाप्त की दी ऐसा इसलिए क्योंकि समिति ने महाराष्ट्र के अंधश्रद्धा विरोधी कानून के तहत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी थी।
ब्यूरो रिपोर्ट : खबर 24 एक्सप्रेस