पाकिस्तान के हालात किस कदर खराब हैं यह बताने की जरूरत नहीं है। भारत के ऊपर आये दिन आतंकी हमला करवाने वाले पाकिस्तान की अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गजब बेइज्जती हो रही है।
पहले इमरान खान हुकूमत में रहते हुए चीजों को नीलाम कर रहे थे ताकि पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बचाया जा सके। और शाहबाज शरीफ पाकिस्तान की चीजों को बेच रहे हैं।
बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि विदेशों में उसे अपनी संपत्ति को बेचना पड़ रहा है। अमेरिका में भी पाकिस्तान अपने दूतावास की इमारत बेच रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अमेरिका में स्थित अपने दूतावास की इमारत को बेचने की मंजूरी दी थी। इस खरीदने के लिए बोली लगना शुरू हो गया है। मजेदार बात यह है कि इस इमारत के लिए अब तक तीन बोलियां आईं हैं। इनमें सबसे ऊंची बोली एक यहूदी समूह ने लगाई है। वहीं, दूसरी सबसे ऊंची बोली एक भारतीय रिएल्टर की तरफ से है। यह इमारत अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के पॉश इलाके में है और इसकी कीमत करीब 60 लाख अमेरिकी डॉलर बताई गई है।
मौजूदा आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान को अपनी इस संपत्ति के लिए तीन बोलियां मिली हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जिस इमारत में कभी पाकिस्तान के दूतावास का डिफेंस सेक्शन स्थित था, उसके लिए एक यहूदी समूह ने सबसे ऊंची बोली लगाई है। पाकिस्तानी राजनयिक सूत्रों ने बताया कि लगभग 6.8 मिलियन डॉलर (56.33 करोड़ रुपये) की उच्चतम बोली यहूदी समूह ने लगाई है। यह समूह इस इमारत में एक सिनेगॉग (प्रार्थना स्थल) बनाना चाहता है।
सूत्रों के अनुसार, एक भारतीय रियल एस्टेट एजेंट ने भी लगभग पांच मिलियन अमेरिकी डॉलर (41.38 करोड़ रुपये) की दूसरी बोली लगाई, जबकि एक पाकिस्तानी रियल एस्टेट एजेंट ने लगभग चार मिलियन अमेरिकी डॉलर (33.18 करोड़ रुयये) की तीसरी बोली लगाई। पाकिस्तानी-अमेरिकी रियल एस्टेट एजेंटों के अनुसार, इमारत को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचा जाना चाहिए।
डॉन ने एक पाकिस्तानी रिएल्टर का हवाला देते हुए कहा कि “हमें इस परंपरा को बनाए रखना चाहिए, क्योंकि यह एक प्रभावशाली अमेरिकी समुदाय में काफी सद्भावना पैदा करेगा, जो इसे पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं।” इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने कहा था कि वाशिंगटन में इस्लामाबाद की तीन राजनयिक संपत्तियां हैं, जिनमें से एक आर स्ट्रीट एनडब्ल्यू पर मौजूद इमारत है, जिसे बेचा जा रहा है। इस इमारत में 1950 से 2000 के दशक के प्रारंभ तक पाक दूतावास का डिफेंस सेक्शन काम करता था। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि न तो नए और न ही पुराने दूतावास बेचे जा रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को न्यूयॉर्क में स्थित रूजवेल्ट होटल की संपत्ति को पट्टे पर दिया जाना था और निजीकरण मामलों की कैबिनेट समिति (CCoP) ने निजीकरण आयोग से एक वित्तीय सलाहकार का नाम देने का अनुरोध किया था। यह होटल पाकिस्तान के स्वामित्व में है और पाक सरकार इसके संभावित मिश्रित उपयोग विकास के लिए एक सहकारी उद्यम बनाने की सोच रही है। बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री इशाक डार ने की थी।
इससे पहले अगस्त में कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया था कि पाकिस्तान को न्यूयॉर्क स्थित द रूजवेल्ट होटल और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) में 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ कतर को प्रबंधन नियंत्रण की पेशकश करनी चाहिए। लेकिन पीआईए कानून 49 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेचने और किसी अन्य पार्टी को प्रबंधन नियंत्रण देने पर रोक लगाता है। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि पीआईए कानून में संशोधन के लिए कानूनी प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए ताकि प्रतिबंधित खंड को हटाया जा सके।
ब्यूरो रिपोर्ट : खबर 24 एक्सप्रेस