खबर सौसर क्षेत्र के लोधीखेडा परिषद की है जहां से लोधीखेडा से खमारपानी के लिये आवागमन होता है। और लोधीखेडा से लगे करीब 50-55 गांव हैं जो इस रोड से लोधीखेडा की बाजारपेठ से जुड़े हैं, किसानो की जरूरत लोधीखेडा बाजार पर निर्भर होने के साथ ही लोधीखेडा व्यापारी भी इन्ही गांव पर निर्भर हैं।
परन्तु पिछले दो साल से कन्हान नदी पर बने पुलिया की यह हालत है कि जहां से इंसान पैदल भी नहीं आ सकता फिर भी लोग अपनी जान हथेली पर लेकर आना जाना करते नजर आते हैं।
लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। जनता का कहना है जब चुनाव आते तो ये नेता जो खुद को जनप्रतिनिधि कहलाते हैं आज वही चुप बैठे तमशा देख रहे हैं। पर शासन प्रशासन के सामने जनता की आवश्यकताएं बिलकुल भी नहीं दिख रही हैं।
दो साल पहले सभी राजनैतिक पार्टियां श्रेय लेने के लिये उस पुलिया पर जा जा कर सरकार के नाम से हो हल्ला करते हुए नजर आते थे , आज वही नेता और नेता प्रतिपक्ष सभी मौन बैठे हैं।
आखिर क्यों? न पक्ष सुध ले रहा है और न ही विपक्ष। क्या जनता ऐसे ही मरती रहेगी , जो इस पुलिया की हालात है उसका कारण भी यही जनप्रतिनिधि है जिन्होंने नदी से रेत का खनन कर ओवरलोड डम्पर इस रोड से रात दिन चलाये यह उसी का नतीजा है। और आज वही नेता जनता के सेवक कहलाने वाले जनता को ही नजर नहीं आते।
इस पुलिया से महिला शिक्षक और सभी सरकारी कर्मचारी हर दिन अपनी जान जोखिम मे डालकर आना जाना करते हैं। तो वही दीपावली के समय दूर दराज से आने वाले मेहमानों की भी मुश्किलें बढ़ीं।
फिर भी समाज के ठेकेदार मौन बैठे रहे, आखिर कब तक चलेगा यह खेल, कब बनेगी कन्हान नदी की पुलिया, कब खुलेंगे लोधीखेडा की बाजार पेठ की किस्मत?
व्यपारी संगठन के अध्यक्ष राजकुमार जैन द्वारा भी सौसर SDM को ज्ञापन देकर एक दिन बाजार पेठ बंद रख कला दिन मनाया फिर भी प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ।
अब देखना है कि जनता कोई विकराल रूप लेती है जिससे कि शासन द्वारा जनता की समस्या का कोई हल निकल सके।
सौसर से खबर 24 एक्सप्रेस के लिए राजू शिंदे की रिपोर्ट