प्रतापगढ़ के अरनोद कस्बा शुक्रवार को बिल्कुल सुनसान दिखाई दिया। हर गली मोहल्ले में हर छोटी बड़ी दुकान पूरी तरह से बंद थी, सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। लेकिन अरनोद कस्बे का यह बंद किसी पार्टी के बुलावे पर नहीं बल्कि लोगों का स्वैच्छिक था। दोपहर बाद लोगों का हुजूम शहर की गलियों से होते हुए थाने के बाहर पहुंचा।
यहां अरनोद सीआई रहे अजय सिंह राव को विदाई देने के लिए जुलूस भी निकाला। क्योंकि उन्होंने स्वैच्छिक रूप से 11 मई को प्रतापगढ़ की जगह उदयपुर जिले में ट्रांसफर ले लिया। सीआई की विदाई के दौरान लोगों की आंखों में आंसू थे वही लोगों का प्यार देखकर अजय सिंह राव की आखें भी छलक पड़ी।
लोगों का कहना है कि ऐसा दृश्य कभी किसी नेता या अन्य अधिकारी के लिए देखने को नहीं मिला था। अगर यह बंद किसी पार्टी की तरफ से भी होता तो आधे से ज्यादा दुकानें खुली मिलती। इस दौरान लोगों ने कहा कि अरनोद में पहले भी एक थाना अधिकारी प्रवीण टांक आए थे उनको भी विधायक से विरोध के चलते हटाया गया था।
अरनोद में जैसे ही कोई अच्छा थानाधिकारी आता है सरकार उसे रहने नहीं देती। ऐसे में अपराध कम कैसे होगा। अच्छा थानाधिकारी अपराध को कम करने के लिए अपराधियों पर नकेल करता है इसको लेकर उनके आकाओं को नाराजगी होती है। इसी के परिणाम स्वरूप बार-बार थानाधिकारी बदल रहे हैं। पिछले 1 साल में यहां 3 थानाधिकारी बदल चुके हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट, जगदीश तेली, प्रतापगढ़