सर्दी, गर्मी, बेइज्जती और महंगाई जितना महसूस करोगे उतना ज्यादा लगेगी
देश में जिस तरह गर्मी लोगों के पसीने निकाल रही है उससे भी कहीं ज्यादा तेजी से महंगाई ने लोगों के पसीने निकाल दिए हैं। इस वक़्त महंगाई चरम पर है और केंद्र सरकार में बैठे माननीय मंत्री कांग्रेस की महंगाई और भाजपा की महंगाई, तब की महंगाई और अब की महंगाई में अंतर गिना रहे हैं। लेकिन महंगाई रोकने के लिए कोई कुछ उपाय नहीं कर रहे हैं। गैस सिलेंडर 1000 रुपये से ऊपर जा चुका है तो वहीं सब्जियों के दामों में 2-3 गुना इजाफा हो गया है। आटे के दामों में भी 2-3 गुनी वृद्धि दर्ज की गई है। यानि कि जीवन जीने के लिए जो भी जरूरी सामान है जैसे रोटी, कपड़ा, और मकान इन सब जरूरतों को पूरी करने की चीजों के दामों में 2-3 गुने का इजाफा हो गया है।
और इन सबका मुख्य कारण है पेट्रोल डीजल का महंगा होना। और सरकार का गैरजिम्मेदाराना रवैया। गौर करने वाली बात यह है कि आम आदमी की जो कमाई है वो इन बीते सालों में घटी ही है बढ़ी नहीं है। लेकिन राष्ट्रवाद की आड़ में सब मजे में हैं।
“तो हमारी ये महंगाई वाली खबर सिर्फ एक खानापूर्ति है। क्योंकि इसको न तो आप देखना पसंद करेंगे और न ही सुनना पसंद करेंगे। आप पर इस खबर का कोई असर नहीं पड़ेगा। उल्टे ये खबर आपको बुरी लगेगी। सरकार विरोधी, देश विरोधी खबर लगेगी।
और वैसे भी जब कमाई ज्यादा हो रही हो तो लोगों पर महंगाई असर नहीं करती है। असर तो उनपर पड़ता है जिन्हें ये सरकार पसंद नहीं है।”
देश के लोग तरक्की कर रहे हैं खूब माल कमा रहे हैं अब ऐसे में पेट्रोल 100 क्या 200 भी हो जाएगा तब भी उनपर फर्क नहीं पड़ेगा। फिर ये फल-सब्जियों व खाने पीने की चीजों के दामों में 2-3 गुना इजाफा हो भी गया तो क्या हुआ। इससे देश तरक्की कर रहा है।
अब देखिए न सरकार देशहित में क्या-क्या फैसले ले रही है। गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले रही है। शनिवार को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया।
शनिवार को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया।गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
अब देखना सरकार के इस कदम से आटे के दाम आधे से भी कम हो जाएंगे।
अरे आप कहाँ जा रहे हैं। थोड़ा सब्र करिए देखिए 80% खतरे में हैं। व्हाट्सअप, फेसबुक पर बैठिए… देश में रहना है (…..)डैस डैस कहना है बाइक पर बैठकर महंगा पेट्रोल डलवाकर रैलियां करिए, फिर लॉडस्पीकर भी तो हटवाने हैं इनकी वजह से देश में बेरोजगारी, महंगाई बढ़ रही है। अरे ताजमहल, ज्ञानव्यापी मस्जिद, जामा मस्जिद, मथुरा की मस्जिद इन सबके नीचे अरबों रुपये की संपत्ति दबी है खुदाई भी तो करवानी है। अब खुदाई में इतना सारा धन निकलेगा और उस धन से सब धनाधन हो जाएंगे कि किसी को पता भी नहीं चलेगा। ठीक वैसे ही जैसे विदेशों में जमा कालाधन आ गया और सबके खाते में यूं ही 15-20 लाख जमा हो गया। हुआ कि नहीं हुआ? सब डकार गए और अब महंगा – महंगा चिल्ला रहे हैं।
चलिए हंसिए, देश की तरक्की में ये सब बहुत जरूरी है….. चुनाव भी तो जीतना है। फ्री का राशन भी तो लेना है!!
अरे हां फ्री के राशन से याद आया, सरकार जल्दी ही राशन लेने वालों की चेकिंग करवाने वाली है, अगर किसी के पास बाइक, ऐसी, ट्रेक्टर, कार, 2 एकड़ जमीन, सरकारी नौकरी, 10000 से ज्यादा कमाने वाला ये सब आहर्ता रखता है तो फिर आप सूद समेत कीमत लौटाने के लिए तैयार रहिए…. फिलहाल जय श्री राम, हर हर महादेव जपते रहिए देश की तरक्की में अपना योगदान दीजिये।
अब बस करते हैं। और हां अंतिम बात बता दें… दरअसल यह आर्टिकल लिखा है मनीष कुमार अंकुर ने। क्या सोचकर लिखा है यह तो हमें नहीं पता लेकिन… अगर किसी की भावनाएं जरा भी आहत हुई हों तो मनीष कुमार अंकुर इसके पूरे जिम्मेदार होंगे। धन्यवाद।
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