
भारत में दलितों का सबसे बुरा हाल है। इन्हें न तो ठीक से पुलिस का सहयोग मिलता है और न हो सरकार का।
ऐसा ही एक मामला इंदौर से हम आपको बता रहे हैं जहां मामूली विवाद दलितों को जान पर बन आया।
26 मई की रात इन्दौर जिले के महू तहसील के ग्राम दतोदा में दबंगों ने दलितों के ऊपर हमला बोल दिया।
जो कि एक मामूली विवाद ने वर्ग संघर्ष का बड़ा रूप ले लिया। दबंगों की भीड़ ने रविदास समाज की बस्ती पर अचानक हमला बोल दिया। हमला तब हुआ जब सभी लोग अपने-अपने घरों में सोने की तैयारी कर रहे थे।हमलावर सैकड़ों की संख्या में थे। इस भीड़ का नेतृत्व गांव के दबंग जनपद सदस्य प्रह्लाद बीबरवाल, नरेन्द्र मुंडेल, कैलाश सर्वा, और बबलू मुंडेल कर रहे थे नाम के दबंग गुंडे कर रहे थे।
इन लोगों के हाथो में तलवार धारिये फरसे लठ जैसे हथियार थे। हमले के वक्त प्रह्लाद के हाथों में अवैध पिस्टल थी। जिससे वह हवाई फायर कर रहा था साथ ही जातिसूचक शब्दों के साथ गाली बकते हुए जान से मारने का प्रयास कर रहा था।
इन लोगों ने 20 से अधिक घरों में तोड़ फोड़ की। कई लोगों ने पीछे के दरवाजे से खेतों में भागकर अपनी जान बचाई।
दबंगो की भीड़ ने जो मिला उसे मारा। यहां तक कि 4 वर्ष की मासुम बच्ची को भी बदमाशों ने निशाना बनाया।
मध्य प्रदेश मे एक ओर सरकार बेटी बचाओ की बात करती है ओर दुसरी ओर गरीब की बेटियों पर आये दिन अत्याचार हो रहे हैं। वही एक गर्भवती महिला अनिता चौहान के पेट में निर्दयतापूर्वक लात घूंसे मारकर घायल कर दिया गया जो कि दर्द से चिल्लाती चुखती रही। हैवानों ने उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी रहम नहीं किया। वो मासूम इस दुनिया मे आने से पहले ही लोगो के लात घूंसे खा रहा था। पुरुषों पर हत्यारों का इस्तेमाल कर शंकरलाल चौहान दिनेश चौहान, अर्जुन देवड़ा, गोकुल सोलंकी, सुरेंद्र सोलंकी, किशोर चौहान सहित कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
अर्जुन देवड़ा की आंख में चाकू घुसेड़ दिया गया उसके चलते अर्जुन देवडा़ की एक आंख पूरी तरह से फुट गई। यही दूसरी ओर लगभग 20 से भी अधिक गाड़ियों को फोड़ की गई। मौत का यह तांडव लगभग 25 से 30 मिनटों तक चलता रहा। वहीं पुलिस घटनास्थल पर 1 घण्टे देर से पंहुची वो भी जब पीड़ितों ने सीएम हेल्प लाइन पर ख़बर की। यदि डायल 100 पर सुनवाई हो जाती तो शायद गरीबों का बहुत कुछ बच जाता। हैरत की बात तो यह है कि रविदास समाज के ये गरीब मजदुर लोग इन्ही दबंगो के यहां 150 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से खेतो में हाली का काम करते हैं। किन्तु अपनी ताकत में मदहोश पैसा पॉवर पॉलिटिक्स् से मजबूत ये दबंग गांव के गरीब दलितो को इंसान नहीं समझते बल्की जानवर समझते हैं।इसीलिए ऐसी घटना को अंजाम देते हैं। मौके पर 1 घंटे देर से पहुंची पुलिस ने अपनी गाड़ियों से घायलों को इलाज के लिए मध्य भारत हॉस्पिटल महू भेजा। यहां पर गंभीर रूप से घायल 2 लोगों को एमवाय अस्पताल इंदौर भेजा गया। गांव की स्थिती को नियंत्रण में लाने एसडीएम महू एडिशनल एसपी शशिकांत कनकने ग्रामीण डीएसपी अजय बाजपेई सहित 5 थाना प्रभारी और पुलिस बल देर रात से ही पीड़ित परिवार की सुरक्षा में तैनात हैं।
जैसे ही घटना की सूचना अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार को लगी, मनोज परमार तुरंत घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने इस मामले पर पुलिस से भी बात की। साथ ही उन्होंने चेतवानी दी है। मनोज परमार ने कहा है कि यदि आरोपियों के खिलाफ पुलिस कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन करेंगे। बता दें कि मनोज परमार एक क्रांतिकारी समाज सेवक हैं। दलितों पर कहीं भी अत्याचार हो वो तुरंत एक्शन मोड़ में आ जाते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट : राजेश सिसोदिया, इंदौर