श्री सिद्ध बाबा सिद्ध धाम आहार पर अति प्राचीन काल मे गुरु गोरखनाथ ने आकर अपना धुना प्रज्वलित किया और तपस्या करते हुए इस क्षेत्र के लोगों के कल्याण करते हुए ब्रह्मचर्य ओर योग ओर बल वर्द्धन को कैसे बढाते हुए जनकल्याण ओर राष्ट्र कल्याण करें,ये ज्ञान दिया और लोगो को योगी ओर जोगी बनाकर जप तपस्या से जोड़ा।यो ये स्थान पर अपने इष्ट शिव को स्थापित कर जाग्रत करते हुए सिद्ध क्षेत्र बनाने में अपना आत्म सहयोग दिया।
यहां स्थित अखण्ड प्रज्वलित घूने की भभूति को लोग अपने माथे पर तिलक रूप लगाते है और घर ले जाकर रोग दोष संकट के निवारण को उपयोग में लेते है।
ओर प्रत्येक वर्ष के 12 महीनों में प्रत्येक महीने पूर्णिमा पर विशाल मेला लगता है।माँ गंगा श्री बाबा जी के धाम से दो किलोमीटर आगे बहती है तथा हर पर्व पर लाखो श्रद्धालु गंगा जी की पवित्र धारा में डुबकी लगाते है तथा कमंडलो में जल भरकर श्री सिद्ध बाबा जी के पिंडी रूप का जलाभिषेक करते है और मन्नते मांगते है बाबा भी सभी श्रधालुओ की मन्नते पूरी करते है।यहां अपने मनोकामना पूर्ण होने पर ईंटो के छोटे घर भी बनवाते है।भंडारा करते है,यहां सदुर स्थानों से आने वाले भक्तो के ठहरने को अनेक भक्तो द्धारा धर्मशालाएं बनवाई है।
यहां विशाल हनुमान जी की अद्धभुत राम सीता भक्ति की दर्शाती मूर्ति भक्तो को भक्ति शक्ति के लिए प्रेरित व भूतप्रेत संकट का निवारण करती है।और यहां के महंत जी मंगलवार ओर शनिवार ओर पूर्णिमासी को रोग कष्ट निवारण को संकट निवारण भभूति बांटते हुए जन कल्याण आर्शीर्वाद देते है और एक काला धागा भी देते है।
इस सिद्ध बाबा के प्रति क्षेत्रवासियों का अनन्य श्रद्धायुक्त विश्वास है।
यो सिद्ध बाबा महिमा पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी द्धारा रचित आरती पढ़े और सर्वमनोरथ पूर्ण करें,,
!!सिद्ध बाबा की आरती!!
ॐ जय जय सिद्ध बाबा,बाबा जय जय सिद्ध बाबा
जो कोई आरती गावें-2,सब सुख वो पावा।।ॐ जय,,
गोरख नाथ नाम है तुम्हारा,इष्ट हैं भोले नाथ-बाबा इष्ट हैं भोले नाथ।
पूर्णमासी ओर अमावस-2,यहां कृपा सिद्ध नवनाथ।।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।।
धुना जले ज्योत बन तेरा,संकट सब काटे- बाबा संकट,,।
करें परिक्रमा जो धुने की-2,पावे ना घाटे।।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।
रक्षक है हनुमान यतिवर,भूत प्रेत दें मिटा-बाबा भूत प्रेत दें मिटा।
मंगल शनि जो आवे-2,सिद्ध बाबा कृपा पावे।।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।।
सुख सम्पत्ति मनोरथ जो हो,सो कुछ यहां पाता-बाबा सब कुछ,,
एक नाम सिद्ध बाबा पुकारे-2,जीवन तर जाता।।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।
रोग दोष सब नज़र टोटका,तेरे नाम लिए कटते-बाबा नाम लिए कटते।
तन मन धन सुख तुम हो दाता-2,तेरा नाम भक्त रटते।।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।
सुबह शाम जो करें आरती,खोया सब पाये-बाबा खोया सब पाये।
चार धर्म सब सिद्ध उसे हो-2,अंत मोक्ष पाये।ॐ जय जय सिद्ध बाबा।।
!!बोलो सिद्ध बाबा की जय!!
!!सिद्ध बाबा आरती सम्पूर्ण!!
रचियता-स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
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