उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से दिखा भारी तबाही का मंजर, नदियां उफान पर।
चमोली में कुदरत का विकराल रूप, लगातार बढ़ रहा है जलस्तर, सैंकड़ों घर, लोग चपेट में आने की आशंका।
आस-पास के इलाके कराए जा रहे खाली, लोगों से सुरक्षित इलाकों में पहुंचने की अपील की जा रही है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही का मंजर दिख रहा है। इसके चलते अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर हैं। पानी के तेज बहाव के मद्देनजर कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाकों को अलर्ट पर रहने को कहा गया। पानी के बहाव में कई घरों के बहने की आशंका है। आस-पास के इलाके खाली कराए जा रहे हैं। लोगों से सुरक्षित इलाकों में पहुंचने की अपील की जा रही है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं।
चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘अभी तक हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दो पुल के बहने की खबर है। नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। जनहानि होने की आशंका भी है, लेकिन अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। मैं भी घटनास्थल के लिए निकल रहा हूं।’
चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में सैंकड़ों लोगों के लापता होने की आशंका है।
अभी जानहानि की पूरी तरह से खबर नहीं आयी है, स्थानीय लोगों के मुताबिक धमाके की एक तेज़ आवाज सुनी और इसके बाद तबाही का मंजर शुरू हो गया, लोगों के मुताबिक तबाही बिल्कुल ऐसी दिख रही थी जैसे 2013 में आई केदारनाथ की तबाही।
ऋषिगंगा पवार प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। वहां सैंकड़ों लोग काम कर रहे थे। इसके अलावा नदी किनारे जो घर बने हुए थे उनके भी तेज़ बहाव में बहने की आशंका जताई जा रही है।