
बिहार के बाहुबली, छोटे सरकार उर्फ अनंत सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे चहेतों में से एक रहे अनंत सिंह। अनंत सिंह का एक ऐसा भी समय रहा है कि नीतीश कुमार इनके आगे नतमस्तक रहते थे जबकि नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू इनके बारे में सबकुछ यानि सब कुछ जानते थे और सब कुछ जानते हुए हर तरीके के अधिकार नीतीश बाबू ने अनंत सिंह को दिए हुए थे। खैर अब दोनों अलग हो चुके हैं। अनंत सिंह अभी निर्दलीय विधायक हैं, जेल में बन्द हैं। लेकिन सुशासन बाबू का हाथ रहते अनंत सिंह का रसूख इतना रहा है कि कानून-व्यवस्था धरी की धरी रह जाती थी। अनंत सिंह पर सैकड़ों आपराधिक मामले चल रहे हैं। अपराध भी छोटे मोटे नहीं… कत्ल, फिरौती, डकैती, अपहरण और रेप जैसे संगीन मामले…। और ये ज्यादातर सत्ता में रहते हुए रहे। सत्ता यानी नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू की सरकार में बीजेपी के गठबंधन के साथ।

अनंत सिंह की अनंत कहानियां…
*अनंत सिंह के खौफ और रसूख के किस्से पूरे बिहार में सुनने को मिल जाएंगे। साल 2007 में एक महिला से बलात्कार और हत्या के केस में इस बाहुबली विधायक का नाम सामने आया था। जब इसके बारे में एनडीटीवी के पत्रकार उनका पक्ष जानने पहुंचे तो सत्ता के नशे में चूर विधायक और उनके गुंडों ने इतनी पिटाई की कि वो मरते मरते बचे।
*इससे पहले अनंत सिंह के घर पर मोकामा में साल 2004 में जब बिहार पुलिस की एसटीएफ ने छापेमारी की तब दोनों तरफ से घंटों गोलीबारी हुई। इसमें पुलिसवाले भी शहीद हुए और अनंत सिंह के 8 गुंडे भी मारे गए जबकि अनंत सिंह को भागना पड़ा।
*अनंत सिंह का राजनीति में आना भी कम दिलचस्प नही रहा। अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बनने के बाद अनंत सिंह ने अपनी पैठ बड़े नेताओं में भी बनानी शुरू कर दी। अनंत सिंह की मुलाकात नीतीश कुमार से ऐसी हुई कि मुलाकात तगड़ी दोस्ती में तब्दील हो गयी।
*नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू ने दोस्ती धर्म निभाते हुए 2005 में मोकामा से जेडीयू का टिकट दे दिया और अनंत को विधायक बना दिया। इसके बाद साल 2010 में भी वह जेडीयू के टिकट पर मोकमा से विधायक बनें।
*लेकिन यकीन मानिए अनंत सिंह का रुतबा बिहार में किसी बड़े मंत्री से कम न था। और होता भी क्यों जब साइयाँ भये कोतवाल तो डर काहे का… अब यहाँ अनंत खुद कोतवाल और खुद ही खुद के साइयाँ थे…। नीतीश कुमार तो अनंत सिंह के सामने नतमस्तक रहते थे।
*लेकिन साल 2015 के चुनाव के बाद अनंत सिंह की दुनिया में भूचाल आया। लालू की पार्टी आरजेडी से गठबंधन के कारण नीतीश कुमार ने अपने सियासी नफा नुकसान को देखते हुए अनंत सिंह का टिकट काट दिया। टिकट कटने से खफा अनंत सिंह ने मोकामा से निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और अनंत सिंह चुनाव जीत गए।
*अब यहां सबसे बड़ी बात देखिए नीतीश कुमार लालू यादव पर गुंडों के जमावड़े का आरोप लगाते रहे लेकिन बाहुबली अनंत सिंह जैसे नामी अपराधी को राजनीति में लाने वाले नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू ही थे।
आज भले पीएम मोदी नीतीश कुमार को बिहार के लिए जरूरी बताएँ लेकिन बिहार देश से अलग नहीं है। बिहार और देश में आज कितनी बहार है ये नीतीश भी भलीभांति जानते हैं, मजबूती नहीं मजबूरी का गठबंधन इस बार क्या गुल खिलाता है 10 नवंबर को पता चल जाएगा। लेकिन हम इतना जरूर बता दें कि इस बार बिहार में 2015 की तरह नहीं होगा! बल्कि बड़ा उलटफेर होगा। हो सकता है नीतीश कुमार की राजनीति को बड़ा नुकसान हो…। ये महज़ मेरा अंदाजा नहीं है, मैंने इन 5 सालों में बिहार में बहुत से लोगों से बात की होंगी…. खुद जेडीयू के बड़े नेता इस बार की राह को मुश्किल मानते हैं, वो सब अगले आर्टिकल में लिखेंगे… लेकिन बीजेपी इस बार बढ़त बना सकती है। और हाँ मोदी कभी दुश्मनी भूलते नहीं… वे अपने दुश्मन को इस तरह मारते हैं कि दुश्मन पानी भी नहीं मांग पाता है।
बस थोड़ा कहना ज्यादा समझना कहिए…।

Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.