अपने ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले IPS को केंद्रसरकार ने बर्खास्त कर दिया है।
बता दें कि ये पुलिस अधिकारी बार-बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे थे। जिसके बाद प्रदेश सरकार की शिफारिश ओर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने IPS इंदु कुमार भूषण को बर्खास्त कर दिया।
इंदु कुमार भूषण 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं उन पर मीडिया से बात करते हुए अपने वरिष्ठ साथियों पर भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप लगाने का आरोपी माना है। उन्होंने आरोप में अपने साथियों पर गैरकानूनी साधनों के माध्यम से धन जुटाने का आरोप लगाया था। उनपर विवादास्पद बयान देने और सार्वजनिक सभाओं में गैर जिम्मेदाराना हरकतें करने का भी आरोप है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक द्वारा बुलाई गई बैठक में कथित रूप से अपने वरिष्ठ साथियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक आईपीएस अधिकारी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्त किया है। नवंबर 2017 में राजस्थान के आईपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन करने के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। 29 मार्च की तारीख वाले आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने जनहित में भूषण को सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।
चार साल पुराने एक मुकदमे में गिरफ्तारी की आशंका के चलते एक चर्चित आईपीएस अफसर सुर्खियों में खूब रहे। इन्होंने खुद के खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए इस आइपीएस ने महकमे के भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था
इतना ही नहीं पुलिस महकमे के कई बड़े अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कुमार इंदु भूषण ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी एक लिखित शिकायत भेजी थी। पत्र में उन्होंने लिखा है कि आईपीएस सर्विस के 20 से 25 साल के बीच लगभग 100 करोड़ की प्रोपर्टी हो जाती है। साथ ही इन्होंने पुलिस अधिकारियों की कमाई के बारे में भी अवगत कराया था
इंदु भूषण ने गृहमंत्री को भेजी अपनी लिखत शिकायत में प्रदेश में बलात्कार सहित महिला संबंधी अपराध बढ़ने का आरोप लगाया था। यही नहीं, इस आईपीएस ने पुलिस मुखिया समेत कई अन्य अफसरों की कार्यकुशलता पर सवाल खड़े कर दिए थे।
और अब जिस तरह से इंदु कुमार भूषण को बर्खास्त किया गया है यह भी कहीं न कहीं सवालों के घेरे में है।