उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव जैसे ही ख़त्म हुए वैसे ही यूपी वालों को महंगाई का एक डोज़ और मिल गया। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में बढोतरी का ऐलान किया है। बिजली की दरें 12 फीसदी तक बढ़ा दी गयी हैं। नई कीमतों के मुताबिक पहली 100 यूनिट के लिए तीन रुपये और इसके बाद 4.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल आएगा। इस तरह कुल 12 फीसदी तक की बढोतरी की गई है। सूत्रों के मुताबिक बिजली की दरें सितम्बर में बढ़ाई जा रही थीं लेकिन नगर निकाय चुनावों की वजह से सीएम योगी ने मना कर दिया था।
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन एस. के. अग्रवाल ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बिजली दरों में करीब 12 फीसदी की बढ़ोतरी की जानकारी दी। शहरी उपभोक्ताओं को अब 150 यूनिट तक 4.90 रुपये की दर से और 150 से 300 यूनिट तक 5.40 रुपये की दर से बिजली मिलेगी।
अग्रवाल ने कहा कि बिजली दरों में 20 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव था, लेकिन हम 12 फीसदी ही बढ़ोतरी को मंजूरी दे रहे हैं। वर्तमान में एक करोड़ 20 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, 2018-19 में यह संख्या बढक़र 4 करोड़ होने जा रही है। गरीबों को बिजली का मुफ्त कनेक्शन दिया जाएगा जिससे करीब 2 करोड़ उपभोक्ता बढेंगे। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2017-18 के लिए ग्रामीण अनमीटर्ड कनेक्शन का मासिक बिल 180 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 तक 300 रुपये और उसके बाद 400 रुपये कर दिया है।
आयोग ने ग्रामीण घरेलू बिजली दरों में 6.3 फीसद, शहरी घरेलू में 8़.49 फीसद, कमर्शियल में 9़.89 और कार्यालयों की बिजली दरों में 13़.46 फीसद की वृद्धि की है। आयोग ने ओल्ड एज होम व अनाथालय या विशेष बच्चों के संस्थानों के दरों में राहत दी है और तीन साल के लिए लाइन लॉस का प्रतिशत भी निर्धारित कर दिया है। लघु, मध्यम व भारी उद्योगों व लाइफ लाइन उपभोक्ताओं को छोडक़र अन्य सभी श्रेणियों के बिजली उपभोक्ताओं की बिजली महंगी होगी। गांव की बिजली दरें लंबे समय से न बढऩे का हवाला देते हुए सर्वाधिक बढ़ोतरी ग्रामीण उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में की गई है।
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