नोटबंदी और जीएसटी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गयी थी लेकिन देश के लिए एक अच्छी खबर आई है। दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में वृद्धि दर 6.3 फीसदी दर्ज की गई है। आर्थिक मंडी की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह अच्छी खबर है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को जीडीपी के दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी कर दिए हैं। चालू वित्त वर्ष (2017-18) की दूसरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 फीसदी दर्ज की गई है। इकनॉमिक ग्रोथ के ताजा आंकड़े देश के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ 5.7 पर्सेंट के साथ तीन साल में सबसे कम हो गई थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 6.3 फीसदी वृद्धि दर के साथ 31.66 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई।
पिछली पांच तिमाही से ग्रोथ रेट में गिरावट देखी जा रही थी। अब अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकडऩे की पूरी उम्मीद भी थी क्योंकि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद छाई सुस्ती अब छंट रही थी और बिजनेस भी बढऩे के संकेत मिल रहे थे। इससे पहले उद्योग मंडल फिक्की ने आधिकारिक आंकड़े जारी करने के साथ ही जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार का दावा किया था।
फिक्की ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सुधार के साथ 6.2 फीसदी पर रहेगी और आगे चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान इसमें और सुधार होगा और यह 6.7 फीसदी पर रहेगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में मंदी के कारण जीडीपी की दर गिरकर 5.7 फीसदी पर आ गई थी, जो नरेंद्र मोदी सरकार के अंतर्गत जीडीपी की सबसे कम वृद्धि दर है। इससे पहले साल 2014 में जनवरी-मार्च के दौरान यह गिरकर 4.6 फीसदी पर आ गई थी।