तेल कंपनियां इस वक़्त बेलगाम होकर तेल के दाम बढ़ाती जा रही हैं। ये तो तब है जब कच्चे तेल के अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में नहीं बढ़ें हैं। इस वक़्त डॉलर के मुकाबले रुपया भी स्थिर है और कच्चे तेल के दाम अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत थोड़े ऊपर नीचे हो रहे हैं। लेकिन बाबजूद इसके तेल कंपनियां रोजाना प्राइस चेंज की बदौलत दामों में धीरे-धीरे वृद्धि कर रही हैं।
शुरू के 2 महीने तेल कंपनियों ने डेली प्राइस चेंज से अपने ग्राहकों को मामूली फायदा दिया लेकिन 2 महीने बाद आजतक 7 रुपये पेट्रोल पर बढ़ा चुकी कंपनियां अभी भी लगातार दाम बढ़ा रही हैं।
आपको बता दें कि पिछले 2 महीने में पेट्रोल के दामों में 7 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया है। 1 जुलाई से लेकर के 7 सितंबर के बीच तेल कंपनियों ने डीजल के दामों में भी 4.26 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। 16 जून से तेल कंपनियों ने पूरे देश में पेट्रोल-डीजल का रोजाना प्राइस चेंज करने की घोषणा की थी। ये ग्राहकों की जेब पर डांका साबित हुई।
एक हफ्ते के भीतर पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी कमी हुई है। 16 जून से लेकर के 23 जून के बीच पेट्रोल की कीमतों में 2.68 रुपये प्रति लीटर की कमी हुई और डीजल की कीमतों में 2.09 रुपये की कमी आयी थी।
तेल कंपनियां पिछले कुछ समय से चुपचाप ग्राहकों की जेब पर वार कर रही हैं और पेट्रोल डीजल के दाम पिछले दो महीने में सात रुपये तक बढ़ा दिए हैं। खास बात ये है कि पहले जहां तेल के दाम दो-तीन रुपये बढ़ने पर हल्ला मच जाता था वहीं तेल कंपनियों के इस कारनामे पर किसी को कानो कान खबर नहीं हुई।
पिछले एक महीने में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में 14 फीसदी का इजाफा कर दिया है। केंद्र सरकार के रोज तेल कीमतों में बदलाव को हरी झंडी देने के निर्णय के बाद तेल कंपनियां चुपचाप कीमतों में वृद्धि करने में लगी हैं।
दिल्ली में पेट्रोल के दाम 15 अगस्त को 68 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए थे, जो कि 25 जून को 63.71 रुपये प्रति लीटर था। इस हिसाब से अकेले दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया है।
वहीं अगर डीजल की बात करें तो दिल्ली में यह 25 जून को 53.61 रुपये प्रति लीटर था, जो कि बढ़कर के 15 अगस्त को 57.30 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस हिसाब से इसमें करीब चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है।