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दिल्ली के बवाना उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत पर स्तब्ध क्यों हैं सभी नेता, चुनाव लड़ा था कोई ना कोई तो जीतता ही…

 

 

आम आदमी पार्टी दिल्ली की बवाना सीट पर हुए उपचुनाव में क्या जीती की सभी को सांप सूंघ गया, नेताओं से लेकर मीडिया तक सब चुप। अरे भई वो भी नेता था जीत गया। आप भी तो नेता थे हार गए इसमें बुरा मानने वाली बात क्या है। हार जीत तो लगी रहती है, कल वो परसों आप, सिलसिला यूँ ही चलता रहता है।
हाँ एक बुरा मानने वाली बात जरूर है कि आम आदमी पार्टी वाला बहुत ज्यादा वोटों से जीता, जीत तो गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की भी हुई… एक लोकप्रिय नेता के रूप में छवि बना चुके पर्रिकर जीते जरूर लेकिन महज़ 4803 वोटों से। खैर जीत तो जीत होती है 1 वोट से हो या एक हज़ार से.. लेकिन ये पब्लिक है.. बहुत बाते बनाती है। क्योंकि जब दिल्ली की बवाना सीट पर कांग्रेस अपनी बढ़त बना रही थी तो मीडिया वाले इसको भाजपा की हार नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के मुंह पर करारी हार का तमाचा मार रहे थे।
खैर मैं ये तो नहीं जानता कि वो सब ऐसा क्यों कर रहे थे। हूँ तो मैं भी मीडिया वाला, मैं भी काफी हद तक उन्हीं की जमात में से एक हूँ। लेकिन मैं भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी या अन्य पार्टी में कोई फर्क नहीं करता। मेरे लिए ये सब बराबर हैं। सब नेता हैं और नेतागिरी करने के लिए इस जमीन पर अवतरित हुए हैं।

कभी आम आदमी पार्टी का हिस्सा रहे वेद प्रकाश को ही देख लो वो आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में भागे लेकिन बवाना की जनता ने पूरी तरह से उन्हें नकार दिया। नकारा ही नहीं बल्कि वोटों में जबरदस्त अंतर ला दिया। वेदप्रकाश इसी जगह से आम आदमी पार्टी के विधायक हुआ करते थे। लेकिन भगौड़े वेदप्रकाश ने सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि वो अपने ही क्षेत्र से ऐसे हारेंगे। खैर जनता जब बारात निकालती है तो पूरे जोर शोर के साथ निकालती है तभी तो इस जीत के मायने और बढ़ गए।
लेकिन इस जीत का जश्न किसी मीडिया पर ज्यादा नहीं दिखा जितना पर्रिकर और विश्वजीत राणे की जीत का दिखा।
आपको बता दें कि दिल्ली, गोवा और आंध्र प्रदेश की कुल 4 विधानसभा सीटों पर 23 अगस्त को हुए उपचुनाव के रिजल्ट आ गए। गोवा की पणजी विधानसभा सीट से राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर चुनाव जीते। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 4,803 वोटों से हराया। इसके साथ पर्रिकर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे भी वालपोई सीट से चुनाव जीत गए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी बवाना विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी ने जीत ली। आप उम्मीदवार राम चंद्र ने बीजेपी के वेद प्रकाश को 24 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार तीसरे नंबर पर रहे। आम आदमी पार्टी के विधायक वेद प्रकाश के इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव हुए थे। वेद प्रकाश उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर मैदान में थे।

दिल्ली के बवाना उपचुनाव में शुरुआत में मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा। वोटों की गिनती के शुरुआती दौर में कांग्रेस सबसे आगे, बीजेपी नंबर दो तो आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर चल रही थी। 11वें राउंड के बाद पूरा सीन बदलने लगा। आप के प्रत्याशी राम चंद्र ने धीरे-धीरे बढ़त लेते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वियों को काफी पीछे छोड़ दिया। एक समय रेस में सबसे आगे चल रही कांग्रेस पूरी तरह पिछड़ गई और तीसरे नंबर पर रही। AAP उम्मीदवार को 24,052 वोटों से विजयी घोषित किया गया। बवाना में 23 अगस्त को हुई वोटिंग में महज 45 फीसदी वोट पड़े थे।

 

 

 

मनीष कुमार

खबर 24 एक्सप्रेस

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