बिहार में बाढ़ का प्रकोप जारी है। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ से अब तक लगभग 400 लोगों की मौतें हो चुकी हैं, सैंकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बचाव और राहत का कार्य जारी है। सरकार के साथ-साथ कुछ एनजीओ भी बिहार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आये हैं।
opबिहार में बाढ़ पीड़ितों को खाने का सामान, दवाईयां उपलब्ध करा रहे “एकता विकास मंच” के संयोजक सतीश चोपड़ा ने ख़बर 24 एक्सप्रेस को बताया कि बिहार के हालात काफी खराब हैं। सड़क, रेल संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। लोगों की मदद करने में काफी परेशानी आ रही है। नाव का सहारा लेकर वो गाँवों में जाकर लोगों की मदद कर रहे हैं। सतीश चोपड़ा ने बताया कि लोग भी आगे आकर एकता विकास मंच के साथ जुड़कर बिहार में हर संभव मदद का प्रयास कर रहे हैं।
आपको बता दें कि इस बीच बाढ़ का पानी बुधवार को सीवान जिले की सीमा में भी प्रवेश कर गया। हालांकि कई पुराने क्षेत्रों से बाढ़ का पानी अब निकल रहा है। बाढ़ से 1.58 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है, जबकि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 26 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढक़र 367 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, बुधवार को राज्य के सीवान जिले के एक प्रखंड में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस तरह राज्य के 19 जिलों के 185 प्रखंडों की 1.58 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 26 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या लगभग 400 के करीब पहुंच गई है। अररिया में सबसे ज्यादा 80 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 23, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 35, पूर्वी चंपारण में 19, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 22, मधुबनी में 24, सीतामढ़ी में 36, शिवहर में चार, सुपौल में 15, मधेपुरा में 19, गोपालगंज में 19, सहरसा में चार, मुजफरपुर में सात, समस्तीपुर में एक तथा खगडिय़ा और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, लेकिन अब तक यहां किसी भी व्यक्ति की मौत होने की सूचना नहीं है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक में पानी से घिरे 7.76 लाख से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि अब कई क्षेत्रों में लोगों के राहत शिविरों से वापस लौट जाने के कारण कई राहत शिविर बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब भी प्रभावित क्षेत्रों में 696 राहत शिविर चल रहे हैं, जिसमें करीब 1.67 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। 1,646 सामुदायिक रसोई खोली गई है, जिसमें 4.23 लाख लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।
जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी निकल रहा है, उन क्षेत्रों के लोग अब राहत शिविर छोडक़र अपने घरों की ओर भी लौटने लगे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इन टीमों का हर इलाके में पहुंचना संभव नहीं है, इसलिए कुछ इलाकों के लोगों की शिकायत है कि उन तक राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है। बाढ़ में फंसे लोगों का कहना है कि राहत सामग्री ताक दूर की बात, इस बार उन तक कोई नाव भी नहीं पहुंचा है।