शरद यादव से नजदीकी रखने वाले नेताओं को नीतीश कुमार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें पार्टी के 21 छोटे बड़े नेता शामिल हैं। पूर्व सांसद से लेकर पूर्व मंत्री तक को नीतीश ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन सब पर पार्टी के खिलाफ गतिविधि करने का आरोप है।
आपको बता दें कि जेडीयू में इस वक़्त कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।
शरद यादव के अलग होते ही जेडीयू नेता अब नीतीश के खिलाफ एकजुट होने लगे हैं।
पार्टी में अभी ऐसे कई विधायक भी हैं जो नीतीश से दूरी बना सकते हैं या पार्टी द्वारा निकाले जा सकते हैं।
लगभग 18 विधायक जेडीयू के ऐसे हैं जो नीतीश से कुछ हद तक दूरी बना कर चल रहे हैं और वे शरद यादव के नज़दीक आने को कोशिश कर रहे हैं।
जनता दल यूनाइटेड में बागियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में सोमवार को जेडीयू ने पूर्व मंत्री रमई राम और पूर्व सांसद अर्जुन राय समेत 21 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
जेडीयू के बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने जेडीयू के 21 सदस्यों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। जेडीयू ने पार्टी नेताओं के खिलाफ यह कदम पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते उठाया है।
आपको बता दें कि इससे पहले जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को शरद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। नीतीश ने बागी हुए शरद को राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था।
इससे एक दिन पहले राज्य सभा सांसद अली अनवर पर भी पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के संसदीय दल से निलंबित कर दिया था। अनवर को शरद का बेहद करीबा माना जाता है।
जनता दल(यूनाइटेड) दो फाड़ होती दिख रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वरिष्ठ सहयोगी और जेडीयू के अध्यक्ष रह चुके शरद यादव को राज्यसभा पार्लियामेंट्री पार्टी के लीडर पोस्ट से क्या हटाया, अब शरद यादव पूरी पार्टी पर ही दावा जताने की ओर बढ़ रहे हैं।
शरद यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव ने दावा किया है कि शरद के साथ देश के 14 राज्यों के अध्यक्ष हैं, साथ ही पार्टी के दो राज्यसभा सांसद। यही नहीं, पार्टी के ऑफिस बैरियर के लोग भी शरद यादव के साथ हैं और शरद जल्द ही चुनाव आयोग में दावा ठोककर अपने ग्रुप को असली जेडीयू घोषित करने की मुहिम में उतर सकते हैं।