कभी सिद्धान्तवादी कहे जाने वाले नीतीश कुमार पर आजकल जबर्दस्त उंगलियां उठ रही हैं और उठे भी क्यों नहीं आखिरकार वो लालू के जो हो चले थे और अब उन्हीं को आंखें दिखा रहे हैं। ये हम नही बल्कि काँग्रेस बोल रही है। नीतीश का राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार को खुला समर्थन काँग्रेस को खल रहा है। इसीलिए कांग्रेस ने नीतीश पर वार करते हुए कहा कि अब नीतीश सिद्धावादी नही रहे।
कांग्रेस ने नीतीश को लेकर पहली बार खुलकर हमला बोला है। राष्ट्रपति चुनाव में जेडीयू द्वारा एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हराना उनका काम है। उन्होंने कहा कि अपने राज्य की दलित नेता को हराने की पहले ही उन्होंने घोषणा कर दी है। बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया है।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा कि जिनका एक सिद्धांत होता है वे एक निर्णय करते हैं, लेकिन जिनके कई सिद्धांत हों वो हमेशा अलग-अलग फैसले लेते हैं।
सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में फूट के आसार दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। रविवार को बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इशारों में नीतीश को अवसरवादी नेता बताया था। तेजस्वी के इस बयान के बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आपत्ति भी जताई थी।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने फेसबुक पर लिखा था, ‘हममे से अधिकांश दलों को यह सोचना होगा कि अवसरवादी व्यवहार या राजनीतिक जोड़-तोड़ के साथ हम कुछ तात्कालिक लक्ष्य हासिल सकते हैं, सरकार बना या बिगाड़ सकते हैं लेकिन लोकोन्मुख राजनीति की चादर बड़ी होनी चाहिए।’
गौरतलब है कि देश के अगले राष्ट्रपति को लेकर सभी पार्टियों में रस्साकशी चल रही है। दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष इन दिनों अपनी नानी के घर इटली गए हैं।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी मोर्चे में होते हुए भी नीतीश कुमार एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को समर्थन दे चुके हैं। उनके इस कदम को तेजस्वी यादव के पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ऐतिहासिक भूल कह चुके हैं।