केरल में कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा बीफ पार्टी के आयोजन की वजह से कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई थी और भाजपा के नेताओं ने पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया था। लेकिन अब भाजपा के नार्थईस्ट के नेताओं ने अपनी पार्टी के खिलाफ बीफ बैन को लेकर बिगुल फूंक दिया है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पशु व्यापार बैन लगाने के फैसले के खिलाफ मेघालय के पूर्व भाजपा नेताओं ने आज बीफ पार्टी का आयोजन किए जाने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि इससे पहले भाजपा सरकार में मंत्री किरण रिजिजू खुलेआम कह चुके हैं कि वो बीफ खाते हैं और उनके खाने पीने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगा सकता है। कर्नाटक भाजपा के बड़े नेता वामन आचार्य ने भी बीफ के लेकर एक बयान दिया था उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण बीफ़ खाते थे, बलि भी देते थे, और नेपाल में अभी भी खाते हैं।
अभी हाल ही में मेघालय के बड़े नेताओं ने भाजपा सरकार के 3 साल पूरा होने पर उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी बीफ बैन नहीं करती तो वो भाजपा सरकार के 3 साल पूरे होने का आयोजन बीफ पार्टी देकर करते।
सरकार के इस फैसले से असंतुष्ट होकर राज्य के गारो हिल्स से करीब 5,000 कैडर पिछले कुछ दिनों में पार्टी से अपना इस्तीफ़ा देकर बाहर हो गए हैं। मौजूदा मामले में बीजेपी नेताओं ने कहा है कि वह शनिवार शाम को मेघालय के तुरा में शराब के साथ बीफ पार्टी आयोजित करेंगे। इन पूर्व बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह फैसला सरकार के पशु बिक्री पर बैन लगाने के विरोध में लिया गया है। पूर्व बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी हम पर हिंदुत्व की विचारधारा लागू करने की कोशिश कर रही है।
पूर्व बीजेपी नेता बर्नार्ड मारक ने कहा कि मैंने भाजपा को छोड़ दिया क्योंकि पार्टी हम पर हिंदुत्व की विचारधारा लागू करने की कोशिश कर रही थी। हम पार्टी से खुद को बाहर महसूस कर रहे थे। बीफ खाना हमारी परंपरा का हिस्सा है। गौरतलब है कि बर्नार्ड पार्टी के पश्चिम गारो हिल्स जिला अध्यक्ष थे, हालांकि उन्होंने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि बाचू ने अपना इस्तीफा पश्चिम गारो हिल्स जिले के अध्यक्ष बर्नार्ड मार्क के बीफ मुद्दे पर पार्टी से निकाल दिए जाने के बाद दिया था। बाचू ने अपने फेसबुक पेज पर मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर बीफ पार्टी का प्रस्ताव किया था। इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व की ओर से उनकी आलोचना हुई। जिसके बाद उन्होंने विरोध में उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य की पार्टी अध्यक्ष शिबुन् लिंगदोह को सौंपा था।