अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते से बाहर होने का फैसला कर लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते को लेकर कहा कि अमेरिका नए सिरे से एक नया समझौता करेंगा और इस समझौते में अमरीकी हितों की रक्षा की जाएगी। पेरिस समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा कि वो आने वाले समय में एक ऐसा समझौता करना चाहते है जिससे अमरीका के औद्योगिक हितों की रक्षा हो और लोगों को नौकरियां मिले।
आप को बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के समय से ही पेरिस जलवायु समझौते पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। ट्रंप ने कहा था कि चुनाव जीतने पर अमरीका जलवायु परिवर्तन समझौते से बाहर होगा।
ट्रम्प का मानना हैं कि अमेरिका ने पेरिस में ‘सही सौदा’ नहीं किया, जबकि इसकी पहल पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने खुद की थी। अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाला देश है। बता दें कि ट्रंप की इस घोषणा का जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में दूरगामी असर पड़ेगा। खासकर भारत एवं चीन जैसे देशों में इसका असर ज्यादा होगा। याद रहे कि पेरिस समझौते पर 190 से अधिक देशों ने सहमति जताई थी।
गौरतलब है कि अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अमेरिका के राष्ट्रति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, रूस और चीन पर आरोप लगाया था कि ये देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं, जबकि अमेरिका करोड़ों डॉलर दे रहा है। तभी यह संकेत मिल गए थे कि अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से अलग हो सकता है। अमेरिका के इस फैसले से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई बहुत प्रभावित होगी।
पैरिस अग्रीमेंट तोड़ने के बाद भारत और चीन की आलोचना करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जवाब दिया है। सेंट पीटर्सबर्ग इकनॉमिक फोरम में प्रधानमंत्री ने एक तरफ निवेशकों को आमंत्रित किया, तो दूसरी तरफ भारत को पर्यावरण हितैषी बताते हुए कहा कि यह देश प्राचीन काल से ही इस जिम्मेदारी को निभाता आ रहा है। इसके लिए उन्होंने वेदों का उदाहरण दिया।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में मोदी ने कहा, ‘भारत की सांस्कृतिक विरासत रही है। 5 हजार साल पुराने शास्त्र हमारे यहां मौजूद हैं, जिन्हें वेद के नाम से जाना जाता है। इनमें से एक वेद अथर्ववेद पूरी तरह नेचर को समर्पित है। हम उन आदर्शों को लेकर चल रहे हैं। हम यह मानकर चलते हैं कि प्रकृति का शोषण क्राइम है। यह हमारे चिंतन का हिस्सा है। हम नेचर के शोषण को स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए हम अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट पर चलता है।’
प्रधानमंत्री ने पैरिस अग्रीमेंट का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपको जानकर खुशी होगी कि हिंदुस्तान में आज पारंपरिक से ज्यादा रिन्युअल एनर्जी के क्षेत्र में काम हो रहा है। हम पर्यावरण की रक्षा को लेकर एक जिम्मेवारी वाले देश के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसको लेकर हमारा पुराना कमिटमेंट है। जब ग्लोबल वॉर्मिंग की इतनी चर्चा नहीं थी और पैरिस अग्रीमेंट नहीं हुआ था। मैं गुजरात के सीएम था और कई सालों पहले दुनिया में गुजरात की चौथी ऐसी सरकार थी जिसने अलग क्लाइमेट डिपार्टमेंट बनाया था। आज हम एलईडी बल्ब के जरिए एनर्जी सेविंग कर रहे हैं। 40 करोड़ एलईडी बल्ब घर-घर पहुंचाए गए हैं। हजारों मेगावॉट बिजली बचाई गई है।’
गौरतलब है कि पैरिस क्लाइमेट डील से बाहर निकलने की घोषणा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोला है। ट्रंप ने अपने बयान में पैरिस क्लाइमेट डील को भारत-चीन के लिए फायदेमंद बताया था। ट्रंप ने कहा था कि भारत इस समझौते के तहत विकसित देशों से अरबों-अरब रुपये की विदेशी मदद हासिल कर रहा है।
मोदी ने रूस के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा, ‘3 दशक के बाद भारत में पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार चुनकर आई है। इस कारण जीवन के हर क्षेत्र में प्रगतिशील विचार के साथ निर्णय करने की दिशा में हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत का जीडीपी 7 पर्सेंट की गति से ग्रोथ कर रहा है। यह दुनिया में तेज गति से बढ़ने वाले तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।’
पीएम ने रूस के निवेशकों को देश में लागू किए गए सुधारों के बारे में भी बताया और जीएसटी का प्रमुखता से जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘भारत ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में बढ़ रहा है। पहले हमारे यहां हर राज्य में अलग-अलग टैक्स कानून थे। मैं खुशी के साथ कह सकता हूं कि हमारे अब जीएसटी की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 1 जुलाई से जीएसटी लागू हो जाएगा। देश के हर कोने में अब समान टैक्स कानून होगा।’