छत्तीसगढ के सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कमांडर हिडमा ने करीब तीन सौ नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया है। गौरतलब है कि 11 मार्च को भी सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 11 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के पीछे भी नक्सली नेता हिडमा का ही हाथ बताया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि हिडमा नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी का मुखिया है। 25 वर्षीय हिडमा सुकमा के पालोडी गांव का रहने वाला है. हिडमा को घात लगाकर हमला करने का मास्टर माना जाता है। ज्ञातव्य है कि हिडमा ने अपने संगठन पीएलजीए1 बटालियन के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों में सीआरपीएफ पर कई बडे हमले कर चुका है। हिडमा और उसका संगठन बुरकापाल और चिंतागुफा इलाकों में बेहद सक्रिय है।
ज्ञातव्य है कि सोमवार को घात लगाकर बैठे करीब 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया। इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए और छह जवान घायल हो गए। यह नक्सली हमला चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुरकापाल गांव के करीब किया गया।
नक्सलियों ने जब घात लगाकर सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया तो जवाब में सीआरपीएफ के जवानों ने भी गोलीबारी की। नक्सलियों की टीम में महिला नक्सली भी शामिल थीं। हमले में घायल एक जवान ने दावा है किया कि इस मुठभेड के दौरान लगभग एक दर्जन नक्सली भी मारे गए हैं। दोनों ओर से लगभग तीन घंटे तक गोलीबारी हुई।