आखिर कब खत्म होगा बोरवेल में गिरकर बच्चों की मौत का सिलसिला? देशभर से ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं जिसमें बोरवेल में गिरकर बच्चों की मौते हो रही हैं। हर साल न जाने ऐसे कितने मामले सामने आते रहते हैं। न तो सरकार ने ही कड़ा कदम उठाया और न ही प्रशासन इस पर रोक लगाने में सक्षम नज़र आ रहा है। बच्चे खेलते खेलते बोरवेल में गिर जाते हैं उनमें बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी जान बच जाती है।
सीहोर के बड़ी मुंगावली में खुले बोरवेल में गिरी बच्ची सृष्टि को बचाने के लिए बचाव अभियान बीते मंगलवार से जारी था। गुरुवार शाम करीब सवा पांच बजे बच्ची को बाहर निकाला लिया गया है। उसे घटनास्थल से सीधे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत की पुष्टि कर दी गई।
सीहोर जिले के मुंगावली गांव में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। तीन साल की मासूम सृष्टि को करीब 52 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने उसे रोबोटिक टेक्निक से बाहर खींचा। बच्ची कोई रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। उसे एंबुलेंस से सीधे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
रोबोट टीम के प्रभारी महेश आहीर ने बताया कि जब बच्ची को बाहर निकाला गया, तब वह बेहोश थी। वह किसी प्रकार से रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। हमने रोबोट के डेटा के साथ सेना, एनडीआरएफ की मदद से पूरा रेस्क्यू किया है। बच्ची के बाहर आते ही डाॅक्टर ने बच्ची को लिया और एंबुलेंस में लेकर उसे अस्पताल लेकर रवाना हो गए। बच्ची 150 फीट की गहराई पर फंसी थी।
ज्ञात रहे सृष्टि नाम की 3 साल की ये बच्ची मंगलवार दोपहर करीब एक बजे खेलते-खेलते खेत में बने बोर में गिर गई थी। उस वक्त वह 29 फीट गहराई पर अटक गई थी। लेकिन रेस्क्यू के दौरान हुई खुदाई के कंपन से वह नीचे खिसकती गई। मौके पर SDRF, NDRF और आर्मी की रेस्क्यू में जुटी थी। गुरुवार को सुबह 9 बजे दिल्ली की रोबोटिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर बाद तेज हवा और बारिश होने से रेस्क्यू प्रभावित भी हुआ। रोबोटिक टीम ने शाम करीब साढ़े 5 बजे बच्ची को बाहर निकाला, लेकिन बोरवेल में गिरी सृष्टि जिंदगी की जंग हार गई।
न्यूज़ डेस्क : खबर 24 एक्सप्रेस