
अगर आज की तारीख में लोकसभा चुनाव हो जाएं तो भाजपा को एक बार फिर से जीत मिलती दिखाई दे रही है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस इस बार विपक्ष में मजबूती के साथ दिख सकती है।
बता दें कि ये महज चुनावी सर्वे हैं और चुनाव के लिए भी लगभग 1 साल का वक्त पड़ा है। 1 साल में न जाने किस करवट ऊंट बैठ जाए यह कहना मुश्किल होगा। इसकी भविष्यवाणी तो बागेश्वर धाम सरकार या पंडोखर धाम सरकार को भी नहीं होगी।

चुनावी सर्वे भी जिन न्यूज चैनल्स ने किया है या करवाया है उन सभी के सिर पर गोदी मीडिया के नाम का सेहरा बांधा जा चुका है। गोदी मीडिया अर्थात सत्ता की गोद में बैठा मीडिया जो केवल सत्ता के पक्ष की न्यूज दिखाता है। साल 2014 के बाद जितने भी चुनाव हुए हैं यह कथित गोदी मीडिया सिर्फ सत्ता की पैरोकारी करते हुए सत्ता के पक्ष में न्यूज दिखाता मिला है। गोदी मीडिया मेनस्ट्रीम मीडिया है जिसमें भारत के बढ़े न्यूज चैनल्स और प्रिंट मीडिया है। गोदी मीडिया ने न तो बेरोजगारी पर सरकार को कभी घेरा और न ही गिरती अर्थव्यवस्था पर सरकार से सवाल किया। अब अडानी प्रकरण खूब उछला लेकिन गोदी मीडिया ने कभी सरकार से सवाल नहीं किया। यहां तक कि नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बनें जिन्होंने कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। और इंटरव्यू भी दिए तो सिर्फ इन्हीं कथित गोदी मीडिया को।

बता दें कि देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी नीत एनडीए के साथ ही कांग्रेस भी तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है। कांग्रेस की तरफ से भारत जोड़ो यात्रा को अगले लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देखा गया। वहीं, बीजेपी भी पिछले लोकसभा चुनाव में कमजोर सीटों को लेकर रणनीति बना रही है। ऐसे में सी-वोटर ने एक सर्वे किया है। इस सर्वे में बताया गया है कि यदि अभी चुनाव होते हैं तो किस दल को बहुमत मिलेगा। सर्वे में जनवरी 2023 में चुनाव होने की स्थिति में बीजेपी नीत एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है।

सी-वोटर और आजतक के मूड ऑफ द नेशन र्वे के अनुसार यदि अभी चुनाव होते हैं तो बीजेपी नीत एनडीए को 298 सीटों पर जीत मिलती दिख रही हैं। वहीं, कांग्रेस नीत यूपीए के खाते में 153 सीट आती दिख रही हैं। इसके अलावा अन्य दलों के खाते में भी 92 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इससे पहले सी-वोटर ने पिछले साल अगस्त 2022 में भी सर्वे किया था। उस सर्वे में एनडीए के खाते में 307 मिलने का अनुमान जताया गया था। वहीं, कांग्रेस+ को उस समय 125 सीट मिलने की बात कही गई थी। अन्य के खाते में उस समय 111 सीट मिलने की बात कही गई थी। इससे साफ है कि पिछले 6 महीने के अंतराल में बीजेपी की लोकप्रियता में कमी आती दिख रही है।

सी-वोटर की तरफ से साल 2022 में 6-6 महीने के अंतराल में में दो बार सर्वे किया गया था। इन सर्वे के आधार पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ता हुआ दिख रहा है। पिछले साल जनवरी में हुए सर्वे में कांग्रेस नीत यूपीए को 27 फीसदी वोट मिल रहे थे। वहीं, अगस्त 2022 में हुए सर्वे में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 28 फीसदी हो गया था। अब जनवरी 2023 के सर्वे में कांग्रेस नीत यूपीए का वोट प्रतिशत बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, बीजेपी के वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले साल दो सर्वे में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41 था। वहीं, नए साल में 2 फीसदी की वोटों में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
सी-वोटर के सर्वे के अनुसार जनवरी 2023 में चुनाव होने पर बीजेपी को 43 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 29 फीसदी दिख रहा है। वहीं, अन्य दलों को 28 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। यहां रोचक बात है कि अगस्त 2022 के मुकाबले अन्य दलों को वोट प्रतिशत में घाटा होता दिख रहा है। पिछले सर्वे में अन्य दलों को 31 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया था।

सर्वे के अनुसार जनवरी 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक बीजेपी की सीटों का ग्राफ नीचे से ऊपर फिर नीचे आया है। जनवरी 2022 में बीजेपी को 296 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। अगस्त 2022 के सर्वे में यह सीटें बढ़कर 307 हो गईं। मौजूदा जनवरी 2023 के सर्वे में बीजेपी को 298 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, तीनों मूड ऑफ द नेशन सर्वे में जनवरी 2022 में 127 सीट थीं, वहीं, अगस्त 2022 में सीटों की संख्या घटकर 125 हो गई थी। हालांकि, जनवरी 2023 के सर्वे में कांग्रेस की सीटें बढ़कर 153 होने का अनुमान है।
Bureau Report : Khabar 24 Express
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