
पहले प्राचीन काल में क्रिस्टल बॉल मिलना बड़ा मुश्किल ओर महंगा काम था,ये कुछ विरले जादूगरों के पास ही होता था,इसका प्रचलन विषेकर खानाबदोश जातियों में जो जादूगरी से जुड़े होते थे,उनसे फैला,पर हमारे देश मे ये अधिकतर दर्पण व जल औरनख दर्पण यानी अपने उल्टे हाथ के अंगूठे के नाखून को, कपूर की टिक्की को जलाकर उसके धुंए में काला करके,उसमें किसी 12 साल से कम उम्र के बच्चे को देखने को अपने निर्देसानुसार कहना ओर उसके देखने व पूछने पर भूतकाल व कुछ हद तक भविष्य बताने की कला नख दर्पण अनेक ग्रामों में भक्तो में लोकप्रिय थी,अब बहुत कम मिलती है।ठीक ऐसे ही एक दर्पण को भी कपूर के धुएं से पूरा गहरा काला करके उसने बच्चे या साधक लोगो का भविष्य देखता है।
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इस क्रिस्टल बॉल में त्राटक क्रिया करने की विद्या का अविष्कार असल मे दर्पण त्राटक का ही एक रूप है,बस क्रिस्टल बॉल में त्राटक करते ध्यान करने का मुख्य सिद्धांत है,की विश्व ब्रह्मांड भी गोल है ओर पृथ्वी भी गोल है,यो इस ब्रह्मांड और पृथ्वी के इस गोल रुप में खुली आँखों से ध्यान करते हुए,अपने को काल समय से जोड़ना ओर वहां उस काल मे झांक कर विश्व घटनाओं को देखना,ओर ये त्राटक विद्या असल मे निराकारवादियों की देन है,जो ईश्वर के केवल प्रकाश रूप को ही मानते है,उन्होंने इस प्रकार के दर्पण ओर जल के कटोरे में देखने की विद्या के बाद,उसमें एक कमी को देखा कि, जल हिलता है और वो कुछ दिनों बाद अशुद्ध हो जाता है,ओर उसमें अपनी आध्यात्मिक ऊर्जाशक्ति को लगातार प्रवाहित करते रहने पर,भविष्य देखने के बाद,उसे फेंकना पड़ जाए,तो बहुत ऊर्जा नष्ट होती थी,यो उन्होंने क्रिस्टल के गोले को इसमे अधिक उपयुक्त पाया।
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कुछ लोगों ने क्रिस्टल बॉल की विद्या का मजाक बना कर रख दिया है,उन्होंने ओरिजनल क्रिस्टल के स्थान पर सफेद या किसी नीले या पीले या आसमानी रंग के लिक्विड को भर कर गुब्बारे में थोड़ा सा डालकर फिर उसे फुलाकर बॉल बना कर,या एक सफेद कांच के गोल जार या प्लास्टिक के गोल डिब्बे में नीला पेस्ट रंग भरकर ओर कुछ खाली रखकर,फिर उसका ढक्कन बन्द करके उसे हिलाकर उसमें कुछ तरंगे सी उठाकर उलटा रखकर बॉल बनाना या सफेद रुई भरकर बॉल बनाने की घर बैठे अजीब तरीकों को बता रहे है,पर असल मे इस विद्या में तो क्या सभी विधाओं की उपयोगी वस्तुओं में स्वच्छता पवित्रता की बड़ी आवश्यकता होती है,यो केवल ओर केवल क्रिस्टल की 4 इंच की बॉल डेढ़ या दो हजार रुपये की ऑनलाइन मंगा ले और तब इस विद्या का पवित्रता से अभ्यास करें,तभी लाभ मिलेगा।
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कैसे देखें क्रिस्टल बॉल में भविष्य:-
आप अपने एकांत कमरे में अपनी मेज पर एक सफेद बेदाग कपड़ा बिछाए,ओर उसके बीच मे ये क्रिस्टल बॉल रखें,
अब अपने बॉल के दोनों ओर सफेद मोमबत्ती जला ले,मोमबत्ती आपके बॉल से ऊंचाई में अधिक ऊपर को होकर जले,बॉल से कम ऊंचाई पर मोमबत्ती नही जलाए,
बहुत से रंगीन मोमबत्ती जलाते है,ओर गहरा सांस लेकर अपने मुंह की भाप को गोले पर छोड़ते है,ओर उस पर बनती बिगड़ती छायाओं को गोले में देखते हुए प्रश्न के उत्तर का अनुमान लगाते है,या उसपर कुछ गिल्सरीन की बूंदे डालते हुए,उसकी टपकते हुई रेखाओं से अर्थ लगाते है,कुछ मुहं की भांप मारकर फिर उस भांप पर इष्ट या गुप्त कोई बीजमंत्र लिखते है,ओर फिर प्रश्न को दोहराते हुए,उस बीजमंत्र के ऊपर या बीच मे या नीचे के बिगड़ते मिटते रूप से अर्थ लगाते उत्तर देते है,ये सब अक्सर झूंट जाते है।
पर मैं जो बता रहा हूं,वो ही करें।
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जो निराकार वादी है,वे क्रिस्टल बॉल के पास धूपबत्ती जलाकर या किसी पवित्र सामग्री को एक बर्तन में जलाकर वहां शुद्धि करते हुए अपने गुरु का मन्त्र बॉल पर जपते है,ओर केवल क्रिस्टल बॉल में झांकते हुए विश्व के अदृश्य जगत में रहने वाली अदृश्य शक्तियों का बार बार बुदबुदाते हुए आवाहन करते है, और जो साकार वादी भक्त है,वे भी इस क्रिस्टल बॉल में अपने इष्ट की मूर्ति का आवाहन करते हुए,अपना इष्ट मन्त्र का जप करते हुए,इनमें अपनी कुछ खुली आँखों को रखते हुए इस गोले के अंदर तक गहराई से देखते हुए,ध्यान करे,फिर मन्त्र को छोड़कर अब जो भी एक मनोकामना है,उसे स्पष्ट आवाज में बुदबुदाते हुए धीरे धीरे बोले-जैसे कि-
बता मेरे दर्पण,इस व्यक्ति…(उस व्यक्ति का पूरा नाम ले)..का आने वाला भविष्य क्या है?
यो जो भी प्रश्न है,उसे नाम के बाद बड़बड़ाते बुदबुदाते हुए केवल 5 बार बोले।ओर चुप हो जाये,अपने मष्तिष्क को शांत करके उस गोले में देखते रहे,यदि फिर कुछ छाया नहीं दिखे,तो फिर 5 बार बोले,ओर फिर चुप हो जाये,ऐसे केवल 5 बार करें,तो अवश्य गोले में छाया के रूप में चित्रण बनेगा।और उसी का अर्थ लगाए,
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यदि ऐसे पर भी नही दिखे,तो थोड़ी देर आंखे बन करके,अपनी बन्द आंखों में उस गोले को ध्यान में लेते हुए,वहां प्रश्न करें,तो आपकी ध्यान में आये गोले के अंदर भी आपके प्रश्न का उत्तर,छाया या स्पष्ट दिखेगा।
वैसे इसका यही अभ्यास प्रशिक्षण है।इसके अतिरिक्त और केवल अनुमान लगाने के अभ्यास है।
कुल मिलाकर आपको दो सप्ताह में अवश्य इस गोले में भविष्य फल दिखना ओर उसका अनुमान लगाने में सफलता मिलने लगेगी।
कभी कभी कई साधको को तुरन्त गोले में नहीं तो,उनके सपने में वो प्रश्न का उत्तर मिलता है।कुल मिलाकर आपको आपके प्रश्न का उत्तर अवश्य मिलेगा।
विशेष:-
1-अपने गोले को पूर्व दिशा की ओर रखें या फिर पश्चिम दिशा की ओर रखकर ये क्रिया करें।
बाद में उसे एक साफ रेशमी कपड़े से ढक दिया करें।
2-कोई और उसे हाथ नहीं लगाए।
3-पूर्णमासी की रात्रि में अवश्य उसे खुले स्थान पर चन्द्रमाँ के प्रकाश में अवश्य रखकर अभ्यास करें।इससे आपके क्रिस्टल बॉल में चन्द्रमाँ की अद्धभुत शक्तियों का वास होगा।
4-ग्रहण में भी अवश्य उस पर पहले जितनी देर हो सके खुली आँखों से त्राटक करते हुए अपना मन्त्र जपते ध्यान करें और जब आंखे थक जाए,तब आंखे बंद करके उस बॉल को अपने ध्यान में बनाकर मन्त्र जपते ध्यान करें,तो आपको अवश्य भविष्य दृष्टि ओर रहस्यमयी शक्तियों की प्राप्ति होगी।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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