यह खबर बहुत बड़ी ही नहीं बल्कि बेहद गंभीर भी है। खबर है भारतीय सीमा से। जहां पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह अमेरिका में बनीं टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों से भारतीय सीमा में हमला कर रहा है।
यह जगजाहिर है कि अमेरिका हमेशा से दोहरी चाल चलता आया है और इस बार भी वह वैसा ही कर रहा है। क्योंकि एक तरह पाकिस्तान अमेरिकी मदद पर जी रहा है वहीं अमेरिका पाकिस्तान की मदद करने से साफ इंकार कर चुका है। लेकिन फिर भी पाकिस्तान के पास अमेरिकी अत्याधुनिक हथियार कैसे?
बात दें कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और उससे लगे क्षेत्र में भारतीय सुरक्षा बलों पर पाकिस्तानी सेना ने पिछले सप्ताह अमेरिका की बनीं टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलें (एटीजीएम) दागीं थीं।
यह एक गंभीर मुद्दा ही नहीं बल्कि बेहद खतरनाक बात भी है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार अब इस बात पर ट्रंप प्रशासन से सख्त ऐतराज जताएगी।
सेना के सूत्रों का कहना है कि उस दिन इतने सालों में पहली बार पाकिस्तानी सेना ने 120एमएम के मोर्टारों और राजौरी पर हमले में एटीजीएम का इस्तेमाल किया था। आमतौर पर पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों को निशाना बनाने के लिए 80 एमएम के मोर्टारों का इस्तेमाल करता है। लिहाजा रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि वह यह मुद्दा अमेरिका के समक्ष उठाएंगे।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंध बहुत मजबूत हो चुके हैं। जून, 2016 में अमेरिका ने भारत को ‘प्रमुख रक्षा साझीदार’ घोषित किया है। अमेरिका ताकि भारत के साथ उसी स्तर पर रक्षा व्यापार बढ़ा सके और रक्षा तकनीकें साझा कर सके जैसे वह अपने सबसे नजदीकी साझीदारों और सहयोगियों के साथ करता है।
भारतीय सेना पाकिस्तान के मिसाइल हमले के बाद पिछले हफ्ते ही यह साफ कर चुकी है कि वह अपने चार जवानों के शहीद होने पर जवाबी कार्रवाई करेगी। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलाबारी कर रहा है ताकि जम्मू और कश्मीर में पंचायत चुनाव से पहले माहौल खराब और तनावपूर्ण रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और कश्मीर में राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा और उसके आसपास के इलाकों में भारी गोलाबारी के बीच अमेरिका में बनीं एटीजीएम मिसाइलें दागी थीं। इस हमले में भारतीय सेना के कैप्टन समेत चार जवान शहीद हुए थे।