यूपी के 16 नगर निगमों में से 14 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। वहीं, दो नगर निगमों अलीगढ़ व मेरठ में बसपा ने परचम लहराया।
इन चुनाव से आम आदमी पार्टी ने भी यूपी में दस्तक दी है। प्रदेश में कई जगह आप उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
ग्रामीण इलाकों में सपा बसपा दोनों के काफी उम्मीदवार जीते तो शहरों में भाजपा ने दबदबा बरकरार रखा है। अयोध्या, मथुरा और काशी समेत 16 में से 14 नगर निगमों में भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार विजयी हुए हैं। नगर पालिका परिषदों में भी भाजपा को बढ़त मिली है लेकिन नगर पंचायतों में निर्दलीयों ने परचम लहराया है। उन्होंने सभी दलीय प्रत्याशियों को पीछे छोड़ दिया है।
प्रदेश में 652 नगरीय निकायों के चुनावों में पहली बार सभी दलों ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा। इस बार 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषदों 438 नगर पंचायतों में चुनाव हुए।
2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा की जिस तरह करारी हार हुई थी उसको देखकर लग रहा था कि इन चुनावों में बहुजन समाज पार्टी कुछ खास नहीं कर पाएगी लेकिन 2 नगर निगम जीतकर पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ये आने वाले चुनावों में भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद राव ने कहा कि मेरठ में अगर ईवीएम की गड़बड़ ना पकड़ी जाती या मतदाता शोर नहीं मचाते तो वहां भी परिणाम भाजपा के पक्ष में होते। विनोद राव ने कहा कि जहां पर बैलेट पेपर का इस्तेमाल हुआ वहां हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कई शहरों में ईवीएम को लेकर आवाजे उठीं, बसपा का बटन दबाने पर भाजपा को वोट जा रहा था। उन्होंने कई वायरल वीडियो का हवाला भी दिया। विनोद राव ने मांग की कि अगले चुनाव बैलेट पेपर से ही होने चाहिए उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ऐसा होने नहीं देगी।
विनोद राव पुर्व जिलाध्यक्ष बसपा, बुलंदशहर
विनोद राव ने कहा कि बुलंदशहर में बैलेट पेपर से चुनाव हुए थे यहाँ 17 नगर पालिका में से 8 पर बसपा 4 पर भाजपा और 3 पर सपा के प्रत्याशी जीते। जबकि बुलंदशहर भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां एक लोकसभा की सीट और सातों विधानसभा सीटों पर भाजपा के नेता काबिज हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बैलेट पेपर से चुनाव करवा दीजिये फिर परिणाम देखिए।
चुनावों के दौरान जहां भाजपा ने पूरे प्रदेश में परचम लहराया वहीं दिग्गजों के गढ़ में ही पार्टी को शर्मनाक हार भी देखनी पड़ी। यहां तक की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने वार्ड में पार्टी को जीत दिलाने में सफल नहीं हो सके। गोरखपुर में सीएम योगी के वार्ड ‘पुराना गोरखपुर’ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी शमीम ने जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यहां मतदान किया था। इसके अलावा गोरखनाथ मंदिर के आसपास के चार वार्ड का चुनाव भी भाजपा नहीं जीत सकी।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस