Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / दुखद ख़बर: कीटनाशक के प्रयोग से महाराष्ट्र में 40 किसानों की मौत 800 से ज्यादा गंभीर हालत में, इन मौतों का जिम्मेदार कौन

दुखद ख़बर: कीटनाशक के प्रयोग से महाराष्ट्र में 40 किसानों की मौत 800 से ज्यादा गंभीर हालत में, इन मौतों का जिम्मेदार कौन

 

 

 

महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली दुखद ख़बर सामने आई है। किसान कीड़ों से बचाने के लिए अपनी फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, लेकिन ये अपनी खून पसीने की मेहनत (फसल) को बचाते-बचाते खुद मौत के मुँह में चले गए। ये दुःख अकेले महाराष्ट्र के किसानों का ही नहीं बल्कि समस्त भारत के किसानों का है। पीएम मोदी ने चुनावों से पहले किसानों को अन्नदाता जरूर बताया था लेकिन ये अन्नदाता आज अपनी खुद की जिंदगी से जूझ रहे हैं।

भारत का अन्नदाता हमारे देश की गंदी राजनीति की भेंट चढ़ जाता है। और राजनीति है कि किसान के नाम पर देश की कुर्सी पर आसीन हो जाती है लेकिन इसके बाद किसानों को भुला देती है।

ये आंकड़े बेशक चौकानें वाले हो सकते हैं लेकिन ये पहली बार नहीं है कि किसानों की इतनी बड़ी तादाद में मौतें हो रही हैं। ऐसा पहले भी होता रहा है लेकिन नेताओं की तरफ से किसानों को हमेशा आश्वासन ही मिलता है।

पीएम मोदी ने भी चुनावों से पहले किसानों की हालत को लेकर कुछ वादा किया था लेकिन वो महज़ एक जुमला ही निकला। इस सरकार को पूरे 3 साल हो गए लेकिन भारत के किसी भी हिस्से में किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं आया।

आपको बता दें कि अधिकतर किसान अपनी फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान कई किसानों की मौत हो गई है। यवतमाल में कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की वजह से 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 800 किसान हॉस्पिटल में जिंदगी मौत के बीच जूझ रहे हैं। जबकि 12 और मौतों की जांच की जा रही है कि वो भी क्या कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की वजह से हुईं है।

महाराष्ट्र सरकार ने इस समस्या का कारण ढूंढने के लिए एक हाई लेवल समिति का गठन किया है, और छिड़काव के वक्त कुछ सुरक्षा साधन को अनिवार्य किया गया है।

हॉस्पिटल में बीमार पड़े 800 किसान एक ही तरह की समस्या से पीड़ित हैं। उन्हें डायरिया, उल्टी, पेट दर्द और आंखों की रोशनी में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ये सारे मामले यवतमाल से सामने आ रहे हैं जिसे विदर्भ की किसान आत्महत्या की राजधानी कहते हैं।

आपको बता दें कि जानकारी के अभाव में किसान कीटनाशकों के प्रयोग में सावधानी नहीं बरतते जिसका परिणाम उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है, जानकारी देने का काम कृषि विभाग का होता है। लेकिन उन्होंने क्या काम किया इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। कृषि विभाग अपना काम कितनी ईमानदारी के साथ करता है ये भारत के किसानों की हालत देखकर ही पता चल जाता है।
खैर किसानों की मौत पर सरकार उनके परिवार को 2 लाख का मुआवजा देकर खानापूर्ति तो कर देती है लेकिन उनको बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करती।

 

 

****

मनीष कुमार

 

ख़बर 24 एक्सप्रेस

 

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp