आज दशहरे पर भारत ही बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बुराई के प्रतीक रावण का पुतला जलाया गया। भारत में कई जगह रावण रूपी आतंकवाद का पुतला जलाया गया तो कहीं बेरोजगारी महँगाई का पुतला जलाया।
लेकिन बिहार के सासाराम में पीएम मोदी का पुतला जलाया गया। ये पुतला नोटबंदी और जीएसटी को लेकर जलाया गया।
ऐसे ही गुजरात में व्यापारियों में भी मोदी का पुतला जलाया।
आपको बता दें कि पिछली साल यानि 2016 में जेएनयू में भी मोदी का पुतला जलाया गया था।
लोग नोटबंदी की वजह से पहले ही परेशान थे। उनके धंधे बंदी के कगार पर थे तो कुछ के बंद हो गए थे। लेकिन जीएसटी ने व्यापारियों की पूरी तरह से कमर ही तोड़ दी। लोगों का कहना है कि नोटबंदी या जीएसटी बिना किसी तैयारी जबर्दस्ती लागू की गईं योजनाएं हैं। इनके लिए पहले से कोई तैयारी नहीं थी जिस वजह से देश आर्थिक मंदी की कगार पर पहुंच गया।
लोगों का आरोप है कि नोटबंदी, जीएसटी से लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। सरकार अपनी वाही-वाही का झूँठा ढिंढोरा पीट रही है। पीएम देश के बजाय दूसरे देशों में घूमने में लगे हैं लेकिन इन्हें अपने देश की महँगाई बेरोजगारी नहीं दिखती। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। पीएम मोदी ने जो घोषणाएं की थीं वो सब कागजी निकली। और अब जो वादे कर रहे हैं वो पूरी तरह चुनावी हैं, मोदी अब 2022 के लिए वादे कर रहे हैं। मोदी सिर्फ देश को बना रहे हैं, देश की जनता को बरगला रहे हैं।
इन तीन सालों में देश बेहाल है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। पूरा मीडिया तंत्र मोदी का है वो सिर्फ सरकार की बात करता है, आमजन को कोई नहीं देखता। पीएम बुलेट ट्रेन की बात करते हैं लेकिन सैंकड़ों लोग हर साल ट्रेन दुर्घटनाओं में अपनी जान गँवा देते हैं।
देश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है लेकिन पीएम बहाने बनाकर आज भी पुरानी सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं।
इसी से खफ़ा होकर लोग पीएम का पुतला जला रहे हैं।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस