ब्रिक्स में भारत आतंकवाद के मुद्दे पर बहुत बड़ी जीत हुई है। पाकिस्तान को चौतरफा आलोचना तो झेलनी पड़ी ही। साथ ही पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों पर बैन भी लग गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन में हैं। चीन ने तो भारत को इस सम्मेलन में पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद का मुद्दा ना उठाने की नसीहत दी थी लेकिन ब्रिक्स के घोषणापत्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया गया है। ज्ञातव्य है कि ब्रिक्स का 9वां सम्मेलन चीन के श्यामन में हो रहा है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं।
ब्रिक्स घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र करते हुए इस पर कडी चिंता जताई गई है। ब्रिक्स घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ मेें आतंकवाद पर कडी चिंता जताते हुए लिखा गया है कि हम लोग आस पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं। इस घोषणापत्र में कई आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया है। घोषणापत्र में लिखा है कि इन इलाकों में तालिबान, आईएसआईएल और अलकायदा से खतरा बताया गया है। इसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की भी कडी निंदा की गई है। यह घोषणापत्र इसलिए भी अहम है क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में अडंगा लगा चुका है।
वहीं ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल उत तहरीर का भी जिक्र किया गया है। ब्रिक्स के घोषणापत्र में पाक समर्थक आतंकी संगठनों का ब्रिक्स के घोषणापत्र में जिक्र होना और उनकी कडी निंदा होना भारत के लिए बडी सफलता है।