बलात्कारी बाबा, या गुंडा बाबा… चोर बाबा.. लुटेरा बाबा.. अय्याश बाबा ये सब आपके लिये होंगे।.. लेकिन इनके लिए तो ये बाबा परमपूज्नीय, संत, भगवान, गुरु जी ही रहेंगे। हम बात कर रहे हैं उन नेताओं की जो ऐसे कथित बाबाओं के चरणों मे नतमस्तक हुए पड़े रहते हैं। नेता चाहे किसी पार्टी का हो लेकिन बाबाओं के चरणों में मिलेगा। बाबा कितिनि भी अय्याशी करे लेकिन वो नेता जी को उनकी लीला ही लगेगी।
नेता बाबा को पब्लिक का धन ऐसे देते हैं जैसे उनकी खून पसीने की कमाई हो और वो उस कमाई को पब्लिक के हित में लगा रहे हों…।
अब बाबा राम रहीम को ही ले लीजिए, इस रॉकस्टार बाबा ने इन नेताओं की बदौलत अपार सम्पति बनाई हुई थी। क्या ऐसा नहीं था जो बाबा के पास ना हो। सैंकड़ों एकड़ में फैला बाबा का साम्राज्य, पांच सितारा युक्त सुविधाओं से परिपूर्ण आश्रम, लक्ज़री गाड़ियां, करोड़ों रुपये की एक एक घड़ी, करोड़ों रुपये के चमकीले भड़कीले कपड़े इत्यादि इत्यादि लेकिन सब कुछ करोड़ों रुपये का।
खैर ये सब अलग बातें हैं। सबसे बड़ी बात है कि बाबा पर बलात्कार का आरोप लगा है और वो कोर्ट में साबित भी हो गया। बाबा के आश्रम से बहुत सारी ऐसी लड़कियों को छुड़ाया गया जिनका इस्तेमाल बाबा अपनी हवस मिटाने के लिए करता था। बाबा के ऊपर लगे सभी आरोप सिद्ध भी हो गए और साबित भी हो गए लेकिन इन सब के बाबजूद हमारे माननीय नेता ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
पहले भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने बाबा को संत बताया इसके बाद अब यूपी के एक और बीजेपी सांसद ने रेप के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का बचाव किया है। कानपुर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए महोबा के सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि वह राम रहीम और आसाराम बापू जैसे ‘महान संतों’ से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं करते, लेकिन डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी और उन्हें दोषी ठहराए जाने के पीछे राजनीतिक साजिश थी।
माननीय सांसद चंदेल जी ने ये आरोप तो लगा दिए लेकिन ये भूल गए कि जिसको वो राजनीतिक षड्यंत्र से गिरफ्तारी की बात कर रहे हैं दरअसल उस प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है और मामला हरियाणा का है जहां पर बाबा का आश्रम है या मामला है।
अब इन सांसद महोदय से पूँछा जाए कि अगर ये मामला राजनीतिक भरा है तो क्या भाजपा के द्वारा बाबा को फंसाया गया है? जब माननीय सांसद बोल ही रहे हैं तो इनको थोड़ा और खुलकर बोलना चाहिए ताकि पब्लिक तक बात और स्पष्ट होकर जाए।
खैर ये महान सांसद यहीं नही रुके चंदेल ने कहा, ‘एक ऐसे संत का अपमान जिसके लाखों-करोड़ों अनुयायी हैं, दुख पहुंचाता है। वह भी सिर्फ एक व्यक्ति की शिकायत पर संत का अपमान वाकई दुख पहुंचाने वाला है।’ उन्होंने आगे कहा कि आसाराम के खिलाफ लगे आरोप भी झूठे हैं। चंदेल ने संतों की गरिमा को तार-तार करने के लिए सोशल मीडिया को भी दोषी ठहराया।
बाबा की बढ़ाई के बाद जबर्दस्त आलोचना झेल रहे उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने अपने बयान के 5 दिन बाद बुधवार को यू-टर्न ले लिया। साक्षी ने कहा कि रेप के दोषी को संत नहीं कहा जा सकता। हरिद्वार के कनखल आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में साक्षी महाराज ने कहा कि डेरा चीफ संत समुदाय का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि उनके बीवी-बच्चे हैं और वह उनके साथ रहते हैं।
अब इन सांसदों का कुछ नहीं किया जाना चाहिए? क्या ये माननीय कोर्ट के आदेशों की अवेहलना नहीं है? जब कोर्ट में बाबा के ऊपर लगे सभी आरोप तय हो गए, साबित हो गए, इसके अलावा उन आरोपों की पुष्टि भी हो गयी तब भी ये नेता कैसे बचाव कर सकते हैं? ये नेता खुद राजनीति करते हैं और एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करते हैं लेकिन असल नुकसान देश का होता है हमारी न्याय व्यवस्था को होता है लेकिन इन नेताओं का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता।
क्या ऐसे नेता को हमारा माननीय बने रहने का हक है? क्या ये नेता सजा के पात्र नहीं हैं?
मनीष कुमार
खबर 24 एक्सप्रेस