लालू यादव राजनीति के मास्टर माने जाते हैं। उन्हें राजनीति की ABCD अच्छे से पता हैं। लालू यादव को राजनीति में पटखनी देने या उनको कम आंकने के बारे में शायद ही कोई सोचे।
लालू यादव ने जिस तरह से बिहार में नीतीश सरकार की घेराबंदी की है उसे देखकर एनडीए और नीतीश सरकार की घबराहट लाज़मी है और ये घबराहट आज खुलकर नज़र भी आयी।
आज लालू ने “भाजपा भगाओ” रैली का आयोजन किया। आपको बता दें कि इस वक़्त कोई भी राजनीतिक पार्टी भाजपा से सीधे तौर पर नहीं लड़ रही है लेकिन लालू हैं कि उन्हेंने भाजपा से सीधे टक्कर लेने की ठान ली है।
आज लालू की रैली में जिस तरह भीड़ उमड़ी उसे देखकर ऐसा लगा कि बिहार बाढ़ की मार भी लोगों के कदम नहीं रोक सकी।
लाखों की भीड़ पूरे पटना में आरजेडी के झंडे सड़कों पर समर्थकों का सैलाब लालू की जय जयकार के नारे सरकार की तकलीफें बढ़ाने वाला रहा।
नीतीश की चेतावनी को दरकिनार कर शरद यादव भी लालू के साथ कंधे से कंधा मिलाते दिखे तो ममता बनर्जी भी लालू के साथ अपना दम दिखाती दिखीं। रैली से किनारा करने वाली कांग्रेस भी लालू के साथ देती दिखी।
शरद के अलावा सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मंच पर पहुंचे। इसके अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी लालू को समर्थन देने पहुंचे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस रैली में लालू को समर्थन देने पहुंची। रैली में यूं तो तमाम दिग्गज पहुंचे लेकिन सबकी निगाहें शरद यादव पर ही थी क्योंकि जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ चेतावनी दी थी कि अगर शरद यादव लालू की रैली में जाते हैं तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। लेकिन शरद यादव ने जो ठाना था वो आज गांधी मैदान में देखने को मिला।
कुल मिलाकर लालू ने आज जो संखनाद किया उसकी ध्वनि दिल्ली तक सुनाई दी।
भले ही जेडीयू और भाजपा नेता लालू बिहार में आयी बाढ़ पर घेरते रहे लेकिन लालू लालू हैं उन्हें जो करना था कर दिखाया।
महागठबंधन के टूटने के बाद राजद प्रमुख लालू यादव द्वारा पहली बार शक्ति प्रदर्शन के तौर पर पटना के गांधी मैदान में बुलाई गई ‘देश बचाओ भाजपा भगाओ रैली’ में विपक्ष के तमाम दिग्गज जुटे। लालू यादव के आयोजन में जेडीयू से बागी हुए शरद यादव भी पहुंचे और लालू को गले लगाकर अपने इरादे साफ कर दिए।
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भाषण की शुरुआत में ही सीएम नीतीश को चाचा कहकर प्रणाम किया और उन्हें एक धोखेबाज कह डाला। तेजस्वी ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसे नीतीश ने ठगा नहीं हो।
नीतीश की चेतावनी को दरकिनाकर कर शरद न सिर्फ रैली में पहुंचे बल्कि खुलेआम लालू को समर्थन का इजहार किया। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष रहे शरद यादव ने रैली से पहले ही अपने इरादे यह कहकर साफ कर दिए थे कि असली जेडीयू नीतीश कुमार वाली नहीं उनके वाली है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रैली का वीडियो फेसबुक पर शेयर किया है। अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। नीतीश कुमार को चाचा कहकर संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश ने ठगा नहीं। वो न आदमी अच्छे हैं न नेता।
बता दें कि इस रैली के लिए लालू यादव काफी दिनों से मेहनत कर रहे थे। रैली के बहाने उनकी मंशा विपक्ष को तो एकजुट करने की थी ही भाजपा के खिलाफ भी अपने बूते बड़ा आंदोलन शुरू करने की थी। इसके अलावा वह इस रैली के बहाने अपने बेटे तेजस्वी यादव को भी अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी कर चुके थे। तेजस्वी को लगातार प्रमोट कर रहे लालू यादव के लिए तेजस्वी को आगे बढ़ाने का इससे अच्छा मंच नहीं हो सकता था।
सीएम नीतीश के अलग होने के बाद लालू की ये पहली बड़ी रैली है, जिसमें लाखों समर्थक जुटे हैं। लालू के बेटे और बिहार नेता विपक्ष तेजस्वी यादव खुद रैली की तैयारियों का जिम्मा अपने हाथ में लिए हुआ था।
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