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शरद यादव को नीतीश की खुली चुनौती, अगर दम है तो जेडीयू को तोड़कर दिखाएं..

 

 

 

 

शरद पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि जिनको भाजपा के वोट से राज्यसभा पहुंचाया था, वो आज हमें उपदेश दे रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि पार्टी को तोड़ने के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी होता है। यदि उनके पास बहुमत है, तो वे जदयू को तोड़कर दिखाएं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शरद यादव को चुनौती दी है कि उन्होंने कहा है कि अगर उनमें दम है, हिम्मत तो वे जेडीयू को तोड़कर दिखाएं। नीतीश कुमार ने कहा कि जेडीयू एक मजबूत पार्टी है और ये पार्टी एक आदमी की नहीं और ना ही उससे चलती है ये सभी की समान पार्टी है। इस पार्टी के नेता पूरी तरह से जेडीयू के सम्मान के लिए लड़ते हैं।

आपको बता दें कि शरद यादव नीतीश के एनडीए में शामिल होने से बहुत ख़फ़ा हैं और उन्होंने जेडीयू पर अपना दावा भी ठोक दिया है। शरद यादव ने नीतीश पर मौकापरस्ती का आरोप लगाया है साथ ही कहा है कि नीतीश का ईमान अब कहाँ गया। जेडीयू को गठबंधन की वजह से जनाधार मिला और वो उसी को तोड़ चले।

 

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि शरद यादव जो चाहें, करें। इसके लिए वह स्वतंत्र हैं, लेकिन उनसे कुछ होने वाला नहीं है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार काफी मुखर होकर बोले।
उन्होंने जहां शरद यादव को जदयू तोड़ने की चेतावनी दी, वहीं लालू यादव के परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम किसी की कृपा पर मुख्यमंत्री नहीं बने, बल्कि जनता की बदौलत हैं।

सभी को दिख रहा है कि 71 विधायक और 30 विधान पार्षद, दो लोकसभा सदस्य सब हमारे साथ हैं। नीतीश ने कहा कि जनादेश न्याय के साथ बिहार में सरकार चलाने के लिए था, न कि पिछलग्गू बनकर दूसरों के कुकर्म को ढोने के लिए। जदयू का भी अपना जनाधार है। बिहार में जदयू जिसके साथ खड़ा होता है, वही जीतता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब महागठबंधन बन रहा था, तब मैंने नहीं कहा था कि मुझे नेता बनाइये, लेकिन लालू और मुलायम सभी ने मिलकर मुझे नेता बनाया था, लेकिन उसके बाद जहर बोने लगे। कहने लगे कि परिस्थिति के सीएम हैं, लेकिन हम आज भी बिहार के मुख्यमंत्री हैं और यह किसी की कृपा पर नहीं, बल्कि बिहार की जनता की बदौलत हैं।

नीतीश ने कहा कि 1977 में सब जीते हम हार गये। लेकिन जब 1985 से चुनाव जीतने लगे, तो जनता ने हमें सिर-आंखों पर बैठा लिया। जिसे कहा, उसे जिताया। लोग कहते हैं कि मैंने जनादेश का अपमान किया। लेकिन जनादेश इसके लिए नहीं मिला था कि कोई गड़बड़ी करे तो उस पर पर्दा डाल दिया।
भागलपुर सृजन घोटाले पर नीतीश ने कहा कि जो लोग सीबीआई की आलोचना करते हैं, उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की। मुझे तो खुशी हुई। मैंने तुरंत अनुशंसा कर दी। सीबीआई जब इसकी जांच करेगी तो सब साफ हो जाएगा।

नीतीश ने कहा, पहली बार केंद्र और बिहार में एक ही गठबंधन की सरकार है। बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा। हमने नोटबंदी का समर्थन किया। बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई की बात कही। हमने जो भी फैसला लिया, जनता ने उसका समर्थन किया।

 

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