शिखर धवन की तूफानी सेंचुरी की बदौलत भारत ने श्री लंका को पहले वनडे मैच में 9 विकेट से मात दे दी है। 5 मैचों की वनडे सीरीज में अब भारत 1-0 से आगे है। श्री लंका की टीम ने भारत को 217 रन का लक्ष्य दिया था, जिसे भारत ने 127 बॉल शेष रहते आसानी से हासिल कर लिया। शिखर धवन (132*) रन बनाकर नाबाद रहे, वहीं दूसरे छोर पर कप्तान विराट कोहली (82*) ने भी शानदार साथ निभाया। शिखर धवन को उनके शानदार खेल के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। श्रीलंका की टीम इस मैच में अपने खेल से किसी भी तरह प्रभावित नहीं कर पाई।
217 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ ठीक नहीं रही। जब भारत का स्कोर सिर्फ 23 रन था, तब रोहित शर्मा (4) रन आउट हो गए। रोहित शर्मा सिंगल चुराने के प्रयास में कपुगेदरा के हाथों रन आउट हुए। दौड़ते हुए रोहित का बैट उनके हाथ से छिटक गया और क्रीज के अंदर दिख रहे रोहित का पांव हवा में पाया गया। इसके बाद कैप्टन विराट कोहली ने शिखर धवन के साथ मिलकर मोर्चा संभाला और श्रीलंका की टीम को यहां से कोई और मौका नहीं दिया।
दोनों बल्लेबाजों ने आकर्षक बैटिंग करते हुए मैदान के चारों ओर रन बटौरे। शिखर धवन ने अपनी इस शतकीय पारी में 20 चौके और 3 छक्के जमाए। यह उनके वनडे करियर का 11वां शतक था। वहीं कैप्टन कोहली ने इस मैच में अपने वनडे करियर की 44वीं फिफ्टी जमाई। कोहली ने 82 रन की इस पारी में 10 चौके और 1 छक्का लगाया। इस मैच में श्री लंका का कोई भी बोलर भारत का एक भी विकेट अपने नाम नहीं कर सका। मेजबान टीम रोहित शर्मा का जो एकमात्र विकेट मिला वह भी उसे रन आउट के रूप में मिला था।
इससे पहले अक्षर पटेल (34-3) के नेतृत्व में अपनी स्पिन तिकड़ी के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने श्री लंका को 216 रन पर समेट दिया। भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए 43.2 ओवरों में ही मेजबान टीम का पुलिंदा बांध दिया। मेजबान टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज निरोशान डिकवेला ने सबसे अधिक 64 रन बनाए। एंजेलो मैथ्यूज 36 रनों पर नाबाद लौटे। भारत की ओर से पटेल के अलावा केदार जाधव, युजवेंद्र चहल और जसप्रीत बुमराह को दो-दो सफलता मिली।
टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम के लिए डिकवेला और धनुष्का गुनातिलका (35) ने अच्छी शुरुआत की। इन दोनों ने शुरुआती 10 ओवरों तक अच्छे रन रेट के साथ रन बटोरे। दोनों अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन 14वें ओवर की अंतिम गेंद तथा 74 के कुल योग पर चहल ने गुनातिलका को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई। श्री लंका को इससे अधिक फर्क नहीं पड़ा क्योंकि डिकवेला न इसके बाद कुशल मेंडिस (36) के साथ पारी को आगे बढ़ाया और नुकसान की भरपाई की लेकिन 139 के कुल योग पर जाधव की गेंद पर डिकवेला के पगबाधा होने के साथ ही मानो किस्मत मेजबान टीम से रूठ गई।
डिकवेला ने मेंडिस के साथ दूसरे विकेट के लिए 65 रन जोड़े लेकिन इसके बाद मेजबान टीम ने अगले 6 विकेट सिर्फ 39 रन के कुल योग पर गंवा दिए। एक समय उसका स्कोर एक विकेट 139 रन था और दूसरी ओर उसका स्कोर 7 विकेट पर 178 हो गया। भारतीय गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी के आगे मेजबान टीम के बल्लेबाज इस कदर बेबस नजर आए कि 20वें से 36वें ओवर के बीच वे सिर्फ 61 रन ही बटोर सके।
कप्तान उपुल थरंगा (13) टेस्ट सीरीज की तरह यहां भी फ्लॉप रहे। कप्तान मैथ्यूज ने 50 गेंदों पर एक चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 36 रन बनाए लेकिन श्री लंका के अंतिम छह बल्लेबाज छह बल्लेबाज दहाई तक भी नहीं पहुंच सके। टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद श्री लंकाई टीम पर दोतरफा दबाव है। उसे सीरीज जीतकर 2019 विश्व कप के लिए सीधे क्वॉलिफाई करना है।