केरल के मुख्यमंत्री ने आरएसएस नेताओं पर हो रहे हमलों को लेकर भजापा नेताओं पर ही आरोप मढ़ दिया है। सीएम विजयन का आरोप है कि भाजपा नेता नेताओं पर हमले करा माकपा को बदनाम कर रही है। भाजपा नहीं चाहती कि किसी भी प्रदेश में भाजपा के अलावा किसी और पार्टी की सरकार हो इसी वजह से वो ऐसा सब कर रही है जिससे कि प्रदेश सरकार की छवि खराब हो सके।
केरल में माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद राजनीतिक पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आरएसएस कार्यकर्ता ई. राजेश की कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं ने हफ्ते भर पहले नृशंस हत्या कर दी थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे बर्बर अपराध करार देते हुए कहा था कि इस तरह के अपराध से एक आतंकवादी भी शर्मिंदा हो जाएगा। जेटली ने इस बयान के एक दिन बाद सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है। केरल विधानसभा में विजयन ने कहा कि उन्हें इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली थी कि बीजेपी राज्य में कई जगहों पर हमले करा सकती है। उन्होंने कहा सरकार के पास इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स थीं कि बीजेपी राज्य के कुछ हिस्सों में हमले करा सकती है। सरकार ने इसे रोकने के लिए कदम उठाए। जरूरत पड़ी तो सरकार यह मामला सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा की घटनाओं की जांच कर रही टीम बीजेपी की ओर से कराई गई आंतरिक जांच रिपोर्ट पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि केरल पुलिस हिंसा की घटनाओं की बढिय़ा तरीके से जांच कर रही है। सीएम के मुताबिक, केरल की छवि खराब करने के लिए बीजेपी झूठे प्रॉपेगैंडा का इस्तेमाल कर रही है। सीएम ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज घोटाले से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी यह सब कर रही है। आपको बता दें कि रविवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली केरल पहुंचे थे और माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा मार डाले गए आरएसएस कार्यकर्ता के परिजनों से मुलाकात की थी।
इस दौरान जेटली ने कहा था कि राजेश के शरीर पर 89 घाव थे। जिस तरह का जख्म उसे दिया गया, उससे कोई आतंकवादी तक शर्मिदा हो जाएगा। यह बर्बरता है..यहां तक कि एक शत्रु देश भी इस तरह से क्रूरता नहीं करेगा, लेकिन एक राजनीतिक दल ने ऐसा किया है। उन्होंने कहा, आपके पास तरह-तरह की घटनाओं की एक श्रृंखला है, जिसमें बड़ी संख्या में राजनीतिक कार्यकर्ता मारे जा रहे हैं। पार्टी कार्यालयों पर हमले हो रहे हैं, हमारे राज्य के अध्यक्ष किसी तरह से बचे हैं। हम इस जघन्य अपराध को नहीं भूलेंगे। मैं यहां अपनी पार्टी की तरफ से एकजुटता प्रकट करने आया हूं।
जेटली ने कहा सरकारों का चुनाव जनता के लिए अच्छे कार्य करने के लिए होता है। लेकिन केरल में सत्तारूढ़ पार्टी लोगों में हिंसा पैदा कर रही है। इस तरह की विचारधारा हमारी विचारधारा को नहीं तोड़ सकती। मंत्री ने शिकायत की कि यदि इसी तरह का कुछ भाजपा शासित राज्य में होता तो बड़ी चिल्लाहट मच जाती। हर बार एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) के शासन में हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती है..अब पुलिस द्वारा निष्पक्षता बरते जाने की जरूरत है। राज्य सरकार अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर छूट देने के बजाय उन्हें अनुशासित करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति व दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करे।
इस बीच, माकपा ने रविवार को राज्यपाल पी. सदाशिवम के आधिकारिक निवास, राजभवन के समक्ष धरना आयोजित किया और जेटली से आग्रह किया कि उन्हें माकपा के उन कार्यकर्ताओं के परिवारों से भी मुलाकात करनी चाहिए, जिनकी हत्या कथित तौर पर भाजपा व आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने की है। माकपा के तिरुवनंतपुरम जिले के सचिव अनावूर नागप्पन ने मीडिया से कहा कि प्रदर्शन में राज्य में 1980 से मारे गए 21 माकपा कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल हुए।