आलोचना अपनी जगह। मोदी-शाह जोड़ी की बेमिसाल”रणनीति”की दाद तो देनी ही पड़ेगी। नीतीश कुमार ने”संघ-मुक्त भारत”का आह्वान किया। प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न देखा।
विपक्ष ने उनमें”विकल्प”का माद्दा देखा। प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश के डीएनए पर संदेह प्रकट किया ,तो नीतीश ने बिहारियों का साथ ले प्रधानमंत्री को चुनाव में जबरदस्त पटखनी दे डाली। मोदी का मुंह ही बंद कर दिया।….लेकिन अंततः??
मोदी-शाह बुने जाल ने रंग दिखाया।नीतीश फंस गये। मोदी-शाह ने मिलकर नीतीश के चेहरे पर कालिख पोत, चौराहे पर ऐसा नंगा किया कि नीतीश नंगधड़ंग भागे-भागे मोदी की गोद में ही पहुंच गए!मोदी ने उन्हें ऐसा बदरंग किया किखुद का चेहरा आईने में देख नहीं पा रहे हैं।योजनावद्ध तरीके से पालतू मीडिया द्वारा मोदी को गरियाते नीतीश के भाषण दिखाए जा रहे हैं, ताकि नीतीश की छवि दोगले, सत्तालोलुप,अवसरवादी,बेईमान, विश्वासघाती राजनेता की बन कर रह जाये।इतना कि भविष्य में मोदी-शाह के सामने सिर ना उठा पाएं।
आज्ञाकारी बंधुआ के रूप में दुम हिलाते रहें। फिर कभी संघ-मुक्त भारत की बात ना करें। कभी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब ना देखें।मोदी के विकल्प की तो सोचे भी नहीं!
क्या किसी ने नीतीश की ऐसी “नियति”की कल्पना की थी?
बेचारे ईमानदार”सुशासन बाबू”!
Senior Journalist
SN Vinod