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किसानों से 2 रूपये किलों में खरीदे गए टमाटर आखिरकार 65 रूपये किलो कैसे पहुंचे?

 

अभी हाल ही के दिनों की बात हैं जब टमाटर,प्याज़ और आलू के खरीदार किसानों को नहीं मिल रहे थे। ऐसे में किसानों को अपना सामान औने पौने दामों में बेचना पड़ा। आपको बता कि कुछ किसानों को तो खरीदार ही नसीब नहीं हुए जिसकी वजह से उन्हें अपनी बम्पर पैदावार को कुए तक में फेंकना पड़ा।
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं और वही टमाटर प्याज के दाम एक बार फिर आसमान छूने लगे हैं।
मतलब साफ़ है बड़े व्यापारी भी किसानों से नफरत करते हैं। सरकार की तरह वो भी नहीं चाहते कि भारत का किसान समृद्ध बनें तभी तो वो किसानों से सस्ता माल खरीदकर उसको महंगा करके मार्किट में बेचते हैं और अपनी जेबें भरते हैं लेकिन किसान को उनकी मेहनत देने में वो कतराते हैं और उनको आत्महत्या करने पर मजबूर करते हैं।

 

आपको बता दें कि टमाटर के रिटेल दामों में अचानक आई तेजी से सरकार भी परेशान हो गई है। अलर्ट हो चुके खाद्य मंत्रालय ने टमाटर की सप्लाई के आंकड़े मंगाए हैं। मौजूदा समय में उत्तर भारत के कई प्रमुख बाजारों में टमाटर की कीमत पिछले तीन दिनों में चार गुना तक बढ़ गई है।

15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर 40 से 65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। कई रिटेल मार्केट में कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। एनबीटी से बातचीत में खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह सीजनल तेजी है। कई जगहों पर फसल बर्बाद होने से दाम बढ़े हैं। अगले कुछ दिन में दाम काबू में आने की उम्मीद है।

 

दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर के भाव दो दिन पहले 10 रुपये से 15 रुपये के बीच थे। लेकिन, बुधवार को ये भाव क्वॉलिटी के हिसाब से 40 रुपये से 65 रुपये पर जा पहुंचे। कारोबारियों का कहना है कि इसका अहम कारण है कि टमाटर की सप्लाई में कमी। हरियाणा के अलावा उत्तर भारत और दक्षिण भारत में भी बारिश के कारण टमाटर की फसल बर्बाद हुई है जिससे सप्लाई घटी है। हरियाणा के अलावा अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली आदि उत्तर प्रदेश के सब्जी उत्पादक जिलों में टमाटर की फसल बारिश के कारण बर्बाद होने की खबरें हैं।

नैशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के जॉइंट डायरेक्टर बिजेंद्र सिंह का कहना है कि पता लगाया जा रहा है कि कितनी जगहों पर टमाटर की कितनी फसल बर्बाद हुई है। उसके बाद सप्लाई का आकलन किया जाएगा। हालांकि होर्टिकल्चर बोर्ड के अनुमान के मुताबिक इस साल देश में कुल 187 लाख टन टमाटर होने की उम्मीद है जो पिछले साल से करीब 15 फीसदी अधिक है।

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2 comments

  1. kisano ko dekhta kaun hai is desh me har kisi ko apni padi hai kisano ko kisko padi hai

  2. Kisano ki sarkar hai bus kisano ka fayada nahi dekhti baaki apna kuch na bigre

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