ईवीएम हैकथॉन चैलेंज मामले में अब सभी पार्टियां लामबंद होती नज़र आ रही हैं।
चुनाव आयोग की शर्तों पर ईवीएम से छेड़छाड़ पर सभी पार्टियां पीछे हट गयीं क्योंकि ईवीएम में मदरबोर्ड के अलावा कुछ ऐसा नहीं है जिसको बदला जा सके। क्योंकि मदरबोर्ड बदलने के बाद मनचाहा परिणाम लिया जा सकता है। वहीँ दूसरी ओर कई राजनीतिक पार्टियां यही चाहती थीं कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सके। ताकि पता लगाया जा सके कि ईवीएम से परिणाम बदले जा सकते हैं या नहीं, लेकिन चुनाव आयोग ने उसमें अपनी शर्तें लगा दी।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वो ईवीएम के मदरबोर्ड को बदलना चाहता है लेकिन चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) की ईवीएम हैकथॉन चैलेंज के तहत ईवीएम के मदरबोर्ड से छेड़छाड़ करने की मांग को खारिज कर दी है। आयोग का कहना है कि अगर ईवीएम के इंटरनल सर्किट से छेड़छाड़ की इजाजत दी जाती है, तो मशीन की वास्तविकता खत्म हो जाएगी।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों और दिल्ली एमसीडी चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने 3 जून से सभी पार्टियों को ईवीएम हैक चैलेंज दिया है।
आप ने इसके तहत आयोग से ईवीएम के मदरबोर्ड से छेड़छाड़ करने देने की इजाजत मांगी थी। आप का कहना है कि बिना ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ किए हैकिंग हो नहीं सकती।
आप ने आयोग से कहा था कि हैकथॉन के लिए किसी तरह की गाइडलाइन्स न हो। क्योंकि, जो भी शख्स ईवीएम हैक करने जाएगा, वो आयोग की तय नियमों और शर्तों को कैसे मान पाएगा। बता दें कि दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने 90 सेकंड में ईवीएम हैकिंग का लाइव डेमो दिया था।
वहीं, इस पर चुनाव आयोग का कहना था कि दिल्ली विधानसभा में जिस ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन को हैक करने का दावा किया गया था, उस तरह की मशीनों का इस्तेमाल आयोग चुनाव के दौरान नहीं करती है।