तांत्रिक चंद्रास्वामी का निधन, दुनियाभर के नेता, अभिनेता बिज़नसमेन, पत्रकार सभी के साथ थे इनके नज़दीकी रिश्ते… पत्रकार मनीष कुमार भी थे इनके ख़ास लोगों की लिस्ट में
जानिये कौन थे चंद्रास्वामी? ….
1990 के दौर में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के दौर में अचानक सुर्खियों में आए तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार को निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. तांत्रिक चंद्रास्वामी के बारे में कहा जाता है कि वह नरसिम्हाराव के आध्यात्मिक गुरू थे. 1991 में जब पीवी नरसिम्हाराव देश के प्रधानमंत्री बने तो उसके तत्काल बाद चंद्रास्वामी ने दिल्ली में एक आश्रम बनाया. कहा जाता है कि इस आश्रम की जमीन इंदिरा गांधी ने दी थी. 1948 में जन्मे चंद्रास्वामी का असली नाम नेमिचंद था. जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेमिचंद बचपन में ही पिता के साथ हैदराबाद चले गए।
तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। तांत्रिक चंद्रास्वामी के भक्तों में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही मार्ग्रेट थैचर तक का नाम शामिल है। चंद्रास्वामी के लिए नरसिम्हा राव ने दिल्ली में एक आश्रम बनवाया था। नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहते हुए उनका आश्रम पॉवर सेंटर के तौर पर जाना जाता था।
चंद्रास्वामी कई विवादों से भी जुड़े रहे हैं। लंदन के बिजनेसमैन से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में उनको जेल भी जाना पड़ा। उनके ऊपर विदेशी मुद्रा उल्लंघन यानी फेमा के कई मामले भी चले थे।
वैसे तो बड़े-बड़े नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक तांत्रिक चंद्रास्वामी के भक्तों की लंबी फेहरिस्त थी
राजीव गांधी हत्याकांड में हाथ का आरोप भी लगा, राजीव गांधी हत्याकांड की जांच करने वाले जैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में चंद्रास्वामी का हाथ बताया था। इसके अलावा चंद्रास्वामी के आश्रम पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा था जिसमे मशहूर हथियार तस्कर अदनान खशोगी को 11 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम अदायगी के सबूत मिले थे। फेरा के आधा दर्जन से ज्यादा मामले चंद्रास्वामी के खिलाफ चल रहे थे। वह सत्ता के गलियारों में फंसे काम चुटकी बजाते ही कर देते थे।लंबी है चंद्रास्वामी के भक्तों की फेहरिस्त: भारत में नरसिंह राव, नटवर सिंह, टीएन शेषन से लेकर राजेश खन्ना और आशा पारिख तक चंद्रास्वामी के भक्तों में शामिल थे। वहीं ब्रूनई के सुल्तान, बहरीन के शेख इसा बिन सलमान अल खलिफा, एक्ट्रेस एलिजाबेथ टेलर, पूर्व ब्रिटिश पीएम मार्ग्रेट थैचर, हरियारों के सौदागर अदनान खशोगी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम भी चंद्रास्वामी से परामर्श लेते थे।
इनमें एक प्रमुख नाम ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का भी था. इस संबंध में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वॉकिंग विद लायन्स-टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट’ में लिखा है कि उनके माध्यम से 1975 में वह ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर से मिले थे और उस मुलाकात में ही यह घोषणा कर दी थी कि वह अगले तीन-चार साल में प्रधानमंत्री बनेंगी और यह बात सही साबित हुई।