Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है, क्यों महत्त्वपूर्ण हैं रमजान, जानिये इस महीने की ख़ासियत

रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है, क्यों महत्त्वपूर्ण हैं रमजान, जानिये इस महीने की ख़ासियत

 

 

 

 

रमज़ान में मुसलमान 30 दिन तक रोज़े रखते हैं और उसके बाद ईद मनाई जाती है। रमज़ान को पाक महीना भी कहा जाता और माना जाता है ये महीना रब को इंसान से और इंसान को रब से जोड़ता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि रोज़े क्या होते हैं और क्यों रखे जाते हैं।

रोजा का मुख्य़ अर्थ तकवा यानी ख़ुद को बुराई से बचाना और भलाई के काम करना। इस्लाम के मुताबिक़ एक बेहतर इंसान बनने के लिये रोज़ा रखना ज़रुरी है। रोज़े में 14-15 घंटे न कुछ खाया जाता है और न ही पीया जाता है।

 

 

 

मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक पवित्र कुरान इसी महीने नाज़िल हुआ था यानी आसमान से उतरा था। रमज़ान में इबादत खास महत्व माना जाता है। रमज़ान में गुनाहों की माफी होती है और अल्लाह रहमतों का दरवाज़ा आपने बंदों के लिए खोलता है।

माना जाता है कि इंसान के हर अंग से जुड़ा होता है रोजा। ऐसा मानते हैं कि रोजा केवल भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है। रोज़ा आंख है- मतलब बुरा मत देखो। कान से गलत बात न सुनो। मुंह से अपशब्द न निकले। हाथ से अच्छा काम ही हो। पांव सिर्फ अच्छाई की राह पर चले। कुल मिलाकर बुराई से बचने और भलाई के रास्ते पर चलने का नाम रोजा है।

 

 

 

कहा जाता है कि मुसलमान अगर एक रोज़ा भी बगैर किसी कारण न रखे तो वह पूरी जिंदगी रोज़ा रख कर भी उस रोज़े की भरपाई नहीं कर सकता।
पवित्र महीना रमजान इस्लामी कैलेंडर का नवां महीना होता है, जो नए चांद के साथ ही शुरू होता है और 29 या 30 दिन बाद ही नए चांद के सा‌थ ही खत्म होता है। इस बार ये पवित्र माह 26 या 27 मई शुरू होने वाले हैं। अगर चांद 25 मई को दिखता है तो रमजान 26 मई से शुरू माना जाएगा, लेकिन 25 मई को चांद ना दिखने की स्थिति में रमजान 27 मई से शुरू होंगे।

वैसे अगर भारत में किसी कारण से चांद नहीं दिख पाता है तो देश में रमजान का महीना सउदी अरबिया में रमजान शुरू होने के एक दिन बाद शुरू हो जाता है, क्योंकि सउदी अरबिया और भारत के समय में एक दिन का अंतर होता है। रमजान महीने के दौरान एक महीने तक रोजे रखे जाते हैं। नए चांद के साथ शुरू हुआ ये पवित्र 29 या 30 दिन नए चांद के साथ ही खत्म होते है और जिस दिन रमजान का महीना खत्म होता है उसके अगले दिन ईद उल फितर मनाई जाती है।
अगली स्लाइड में जानें रोजे के सख्त नियम

– रोजे रखने के दौरान खाना के बारे में भी नहीं सोचा जाता।

– बदनामी करना, लालच करना, झूठ बोलना, पीठ पीछे बुराई करना और झूठी कसम खाने से रोजा टूट जाता है।

– रोजे रखने वाले मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के दौरान कुछ भी नहीं खाते।

– सूरज निकलने से पहले सहरी की जाती है, मतलब सूरज निकलने से पहले ही खाना पीना किया जा सकता है।

– रोजदार सहरी के बाद सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते और सूरज अस्त होने के बाद इफ्तार करते हैं। इफ्तार में रोजा खोला जाता है।

– रमजान के पवित्र माह में पांच बार की नमाज और कुरान पढ़ी जाती है।

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp