सहारनपुर में दलितों के ख़िलाफ़ हो रहे उत्पीड़न को लेकर लाखों की संख्या में भीम आर्मी के लोग दिल्ली जंतर मंतर पहुंचें। विशाल भीड़ को देख पुलिस प्रशासन के हाथ पैर उखड गए। बात योगी सरकार के कानों तक पहुंच गयी जिससे आनन फानन में योगी सरकार ने अपनी केबिनेट की बैठक बुलाई। आपको बता दें कि सहारनपुर में हुए मामूली विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि सहारनपुर की धरती भगवास्तान vs दलितास्तान बन गयी।
सहारनपुर में हुए बवाल के बाद भीम आर्मी सेना ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कई हजारों की संख्या में भीम आर्मी के युवा जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। आज सुबह 10 बजे ही जंतर-मंतर भीम आर्मी के रंग में रंग गया। खास बात यह रही कि ज्यादातर युवा भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की तरह मुखौटा लगाकर पहुंचे। उनकी मांग थी कि सहारनपुर में दलितों पर हो रहे अत्याचार पर पुलिस सख्त कार्रवाई करे। यह जानना जरूरी है कि चंद्रशेखर का नाम सहारनपुर में हुए बवाल के बाद काफी सुर्खियों में आया और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
लेकिन आज़ाद का कहना है कि उनको बेवजह फसाया गया है जिनकी करतूत थी उस पर पर्दा डाल दिया गया क्योंकि वो ऊँची जाति से सम्बन्ध रखते थे। वहीँ जंतर मंतर पर मौजूद मुहीम का हिस्सा बनें एडवोकेट हर्ष उदय चंद्रा का कहना था कि जिस तरह सहारनपुर में एक तरफा कारवाही की जा रही है उससे अनुसूचित जाति के लोगों में डर है और अनुसूचित जाति के लोग सहारनपुर से पलायन कर रहे हैं।
आपको बता दें कि आज सुबह 10 बजे ही जंतर-मंतर भीम आर्मी के सदस्यों से खचाखच भर गया था। आज दिनभर उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि सहारनपुर में दलितों की एक नहीं सुनी जा रही है और उनपर अत्याचार किया जा रहा है। उनके घर जलाए गए लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहां मौजूद लोगों का कहना था कि पुलिस दबाव में एक तरफा कारवाही कर रही है वो दलितों को फंसा रही है और अगर वे शिकायत लेकर भी जा रहे हैं तो उन्हें मारकर भगाया जा रहा है। इससे वे काफी परेशान हैं।
भीम आर्मी के संस्थापक और सहारनपुर पुलिस के लिए वांटेड बने चंद्रशेखर ने कैमरे के सामने कहा था कि दलितों के घर जलाए जाने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई। सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के बीच हाल ही में हुई जातीय हिंसा के बाद चर्चा में आये भीम आर्मी के संस्थापक और पेशे से वकील चंद्रशेखर आजाद का आरोप है कि पुलिस उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है।
उनका कहना है कि 5 मई को शब्बीरपुर गांव में दलितों के घर जलाए जाने के बाद ही जंतर-मंतर पर इकट्ठा होने का फैसला लिया गया था। खास बात यह है कि आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर लाखों की संख्या में दलितों की भीड़ को देख अन्य समुदाय के लोग हैरान रह गए।
विशाल भीड़ और सबकी एक मांग, बंद हो दलितों पर अत्याचार। और इसी आवाज को बुलंद करते हुए भीम आर्मी के लोग पूरे दम ख़म के साथ अपनी आवाज़ को बुलंद कर रहे थे।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस