जम्मू कश्मीर के बिगडते हालात और भाजपा-पीडीपी के गठबंधन में आई तल्खी के बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती आज पीएम मोदी से मिलने पहुंची। पीएम मोदी और महबूबा मुफ्ती के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक चली। बैठक के बाद बाहर आने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पीएम मोदी के साथ सिंधु जल समझौते को लेकर बातचीत हुई।
साथ ही उन्होनें कहा कि इसके अलावा पीडीपी-बीजेपी को लेकर भी पीएम मोदी के साथ चर्चा हुई। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे घाटी के बिगडते हालात पर राज्य में राज्यपाल शासन के बारे में पूछा तो महबूबा मुफ्ती ने जवाब दिया कि यह सवाल आप मुझसे नहीं केन्द्र से पूछें। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी गठबंधन का अपना धर्म निभा रही है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि घाटी के हालात को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। साथ ही उन्होनें कहा कि वाजपेयी की नीति पर कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास होगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वाजपेयी जहां छोड गए थे, वहां से आगे बढना है। पत्थरबाजों के बारे में पूछने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी युवकों को जानबूझकर भडकाया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि हाल ही में श्रीनगर में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान हिंसक प्रदर्शन हुए थे। वोटिंग पर्सेंटेज भी काफी कम रहा था। इस चुनाव में पीडीपी ने अपनी सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के हाथों गंवा दी। इस सीट में पीडीपी को 2014 आम चुनाव में जीत मिली थी। घाटी में हो रही हिंसा की वजह से महबूबा मुफ्ती को तीखी आलोचना का शिकार होना पड रहा है।
सूत्रों के मुताबिक़- केंद्र सरकार कश्मीर में राष्ट्र विरोधी तत्वों पर सख़्ती के मूड में है. साथ ही केंद्र सरकार कश्मीर के मुद्दे पर अलगाववादियों और पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं चाहती जबकि महबूबा मुफ़्ती कश्मीर का संकट दूर करने के लिए बातचीत का दरवाज़ा खोलना चाहती हैं. हाल के दिनों में घाटी में क़ानून व्यवस्था को लेकर दोनों दलों के बीच मनमुटाव है. रही-सही कसर विधान परिषद चुनाव में पूरी हो गई. जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन देने से पीडीपी खफा हो गई।
उधर, आतंकवाद और अलगाववाद से ग्रस्त कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा को सस्पेंड किए जाने से सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की वारदातों में नाटकीय रूप से कमी आई है. दरअसल-घाटी में आतंकियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन में बाधा डालने और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी के लिए युवाओं को ब्वाट्सएप्प ग्रुप के जरिए उकसाया जाता था. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक-घाटी में ऐसे करीब 300 व्हाट्सऐप ग्रुप एक्टिव थे और हर ग्रुप में करीब 250 लोग थे, जिन्हें सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की जानकारी दी जाती थी. इसके जरिए उन्हें मुठभेड़ स्थल पर बुलाया जाता था।
अधिकारी के मुताबिक- इसमें से 90 फीसदी ग्रुप अब बंद हो चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने इनमें से कुछ ग्रुप एडमिन की पहचान कर उन्हें बातचीत के लिए बुलाया. उनकी काउंसलिंग की गई, जिसके बड़े अच्छे नतीजे निकले. अधिकारी के मुताबिक- इंटरनेट सेवा पर रोक और काउंसलिंग के बाद पत्थरबाजों की संख्या में काफ़ी कमी आई है हालांकि इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से लोगों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है।
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.