
हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम के समय होलिका दहन किया जाता है, जिसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। इस साल 13 मार्च 2025 यानी आज होलिका दहन किया जा रहा है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक कहते हैं। पौराणिक कथा के मुताबिक होलिका को एक वरदान प्राप्त था, जिसके चलते वह अग्नि में नहीं जल सकती थी। उसने प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में प्रवेश किया। लेकिन सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहा और होलिका जलकर राख हो गई थी। इसी उपलक्ष्य में हर साल होलिका दहन किया जाता है। इस दिन सभी होलिका की अग्नि की विधिवत पूजा करते हुए उसकी परिक्रमा करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने पर सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है।
जिस तरह होलिका हो गई थी जलकर राख
उसी तरह आपके जीवन के भी दूर हो जाएं
सारे दुख-दर्द, कष्ट और पाप
होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं
सारे गिले शिकवे भूल जाएं और होली के रंगों में मिल जाएं। होली के रंगों में कोई ग़म नहीं होता। खुशियां हजार होती हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आप सभी के जीवन को ईश्वर होली के रंगों जैसा भर दें। और आपके जीवन में केवल खुशियां ही खुशियां आएं।
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। आप भी ये गीत सुनें और लुफ्त उठाएं।
धन्यवाद