अडानी समूह ने अपने एफपीएओ (FPO) को लेकर बड़ा फैसला किया है। अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने कहा है कि वो एफपीओ को रद्द कर रहे है। वहीं निवेशकों (Investors) को पैसा लौटाने की बात भी कही है। प्रेस रिलीज जारी कर अडानी एंटरप्राइजेज ने इसकी जानकारी दी है। जिसमें कहा गया है कि वो 20 हजार करोड़ के अपने एफपीओ को वापस ले रहे है। निवेशकों को पैसा जल्द ही लौटाया जाएगा।
आपको बता दें कि 27 जनवरी को गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ जुटाने के लिए एफपीओ जारी किया था। साथ ही बता दे कि यह अब तक का सबसे बड़ा FPO था। और इसमें सबसे ज्यादा पैसा एसबीआई, एलआईसी, इजरायल, आबू धाबी की कुछ कंपनी और मित्तल, अंबानी इत्यादि बड़े उद्धोगपतियों ने अडानी के FPO में पैसा लगाया था। यहां तक कि अडानी का FPO 100 फीसदी सब्सक्राइब करवाया गया। लेकिन बाबजूद इसके लोगों ने न तो अडानी के FPO में रुचि दिखाई और न ही शायरों में। इसके बाद जो हुआ वो बेहद चौंकाने वाला रहा। अडानी का सबसे बड़ा PFO था लेकिन इसमें लोगों ने रुचि नहीं दिखाई, इतना ही नहीं अंतिम दिन तक अडानी एंटरप्राइजेज का FPO सिर्फ 100 फीसदी ही बिका। इसके सबसे बड़े खरीददार एसबीआई, एलआईसी, अंबानी, आबू धाबी की कंपनी, इजरायल की कंपनी, मित्तल इत्यादि रहे, लोगों ने इसमें जरा भी रुचि नहीं दिखाई।
बता दें कि अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है। गौतम अडानी के नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी की संपत्ति इतनी गिरी कि वो वर्ल्ड बिलेनियर्स की लिस्ट से बाहर हो गए है। गौतम अडानी न केवल दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए, बल्कि वो अब एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति भी नहीं रहे।
बता दें कि अडानी पर इतना कर्ज है कि यदि वे डूबे तो भारतीय सरकारी बैंकों और एलआईसी का क्या हाल होगा यह सोच भी नहीं सकते। अब सबसे बड़ा सवाल मोदी सरकार की ईमानदारी पर उठता है। अगर यही काम किसी अन्य ने किया होता? क्योंकि अडानी को पीएम मोदी का सबसे करीबी माना जाता है। यहां तक कि पीएम मोदी अडानी का प्लेन तक इस्तेमाल करते दिखे हैं जिनके पिक्चर भी सोशल मीडिया, मीडिया में अभी तक हैं।
अब सवाल उठता है कि अडानी की वजह से भारत की साख गिरी है। अडानी ने सरकारी बैंकों से तमाम कर्ज लिया हुआ है। तो क्या मोदी सरकार अडानी की जांच करवाएगी? क्या ईडी सीबीआई अडानी के यहां छापा मारेंगे? क्या कोई सरकारी संस्था अडानी ग्रुप पर हाथ डालेगी? अगर ऐसा हुआ तो संभवतः पीएम मोदी पर लोगों का भरोसा बनेगा और अडानी जेल की सलाखों के पीछे होंगे। लेकिन बावजूद इसके सरकारी बैंक डूब जाएंगे। एसबीआई की तो हालत खराब हो जाएगी।