केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को देश का आम बजट (Aam Budget 2023) पेश किया है। इस बजट में गरीब, अमीर और मध्यवर्ग को लेकर कर कई अहम स्कीमों की घोषणा की गई है। बजट 2024 के चुनावों को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें बहुत सारी चीजें ऐसी हैं कि जिससे लोगों को काफी फायदा भी हो रहा है। तो आइए जानते हैं क्या है इस बजट में खास और क्या हैं खामियां….।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह अमृतकाल का पहला बजट है। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है। आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है। वहीं, सालाना कमाई के अनुसार भी कर की दरों में बदलाव कर दिया गया है। हालांकि, यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है। यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी। जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा। इस पॉइंट को आप लोग ध्यान में जरूर रखें। साथ ही आपको बता दें कि इस टैक्स स्लैब से मिडिल क्लास को कोई खास राहत नहीं मिल रही है।
इनकम टैक्स की नई दरों के अनुसार, तीन लाख तक सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं 3 से 6 लाख सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख सालाना कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख कमाई पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख कमाई पर 20 फीसदी और 15 से ज्यादा लाख सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा।
वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोबाइल और टीवी के दाम सस्ते होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। यह 2013-14 में दिए गए आवंटन से नौ गुना ज्यादा है। खाद्यान्न और बंदरगाहों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एयरोड्रोम का नवीनीकरण किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सहस्थान में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बजट की 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरी वृद्धि, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए ‘कृषि त्वरक कोष’ की स्थापना की जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप में युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि किसी का पेट खाली न रहे। 28 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया। दो लाख करोड़ रुपये की खर्च कर अगले एक साल में हम जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न देंगे। 2014 के बाद से हमारे प्रयासों की वजह से लोगों का जीवन बेहतर हुआ है।
अब जानते हैं इस बजट की खामियों के बारे में :
इस बजट की जो सबसे बड़ी खामी रही वो थी मजदूरों को मिलने वाले रोजगार यानि मनरेगा की… इस बजट में उसका जिक्र नहीं है, लेकिन मनरेगा के लिए जो बजट रखा जा रहा था, अब उसे भी घटा दिया गया है। बता दें कि मनरेगा के तहत लोगों को प्रतिदिन के हिसाब से काम मिलता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में देखा गया था कि मनरेगा में ग्रेजुएट लोग भी मजदूरी कर रहे थे। साथ ही बता दें कि इस बजट के बाद आटा और महंगा होगा लेकिन मोबाइल फोन खरीदना सस्ता होगा।
वहीं विपक्ष ने बजट को लेकर कहा कि इसमें आम आदमी को राहत पहुंचाने की बात ही नहीं है इस बजट में न तो रोजगार की बात है और न ही शिक्षा की…।
वहीं पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसको लेकर कहा कि आज का बजट संवेदनहीन है और देश की अधिकांश जनता के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि क्रूर GST रेट में कोई कटौती नहीं की गई है। पेट्रोल डीजल के दाम में कोई कमी नहीं हुईं।
पी चिदंबरम ने कहा कि ये सरकार नई टैक्स रिजीम को बढ़ा रही है, जिसका इस्तेमाल कम लोग करते हैं और ये टैक्स पेयर के लिए लूट है। विश्व में आने वाली संभावित मंदी को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण या बजट स्पीच में कोई योजना नहीं हैं। उन्होंने पूछा, इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से गरीब को नहीं हुआ। नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं को नहीं। नौकरी से निकाले गए युवा को नहीं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में करदाता और गृहिणियों को इसका कोई लाभ नहीं।
बता दें कि बजट में 80 करोड़ लोगों के लिए फ्री राशन की तो बात है लेकिन आर्थिक सुधार की बात नहीं है। क्या 80 करोड़ लोग फ्री की राशन से हो अपना घर चला लेंगे? क्या उन्हें नौकरियों की जरूरत नहीं है?
डॉलर के रेट मजबूत होते जा रहे हैं रुपये का गिरना निरंतर जारी है सरकार इसके लिए क्या कदम उठा रही है इसका कहीं भी जिक्र नहीं है।
अब आप ही फैसला करें कि बजट आपको क्या दे रहा है क्या नहीं।
रिपोर्ट : मनीष कुमार अंकुर, खबर 24 एक्सप्रेस