
मनीष कुमार अंकुर, न्यूज डेस्क : आफताब ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा वालकर की हत्या कर शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। आफताब ने अपनी प्रेमिका को 6 महीने पहले ही मार दिया था लेकिन पता अब जाकर चला।
अब दूसरी खबर से आपको रूबरू करवाते हैं खबर लगभग एक जैसी हैं, लेकिन किरदार अलग-अलग हैं। यहां आरोपी मुस्लिम आफताब है और दूसरी खबर में आरोपी कट्टर हिन्दू प्रीति शर्मा है। आफताब ने अपनी प्रेमिका को मारकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। वहीं प्रीति शर्मा ने अपने प्रेमी फिरोज की हत्या कर उसकी गर्दन काट दी और शव को एक सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने जा रही थी लेकिन पकड़ी गई। खबर इसी साल अगस्त के महीने की है।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह खबर तो पुरानी है फिर आज इस खबर का जिक्र क्यों? 8 अगस्त 2022 को प्रीति को गिरफ्तार किया गया था और अब नवंबर में इसका जिक्र हो रहा है। तो अब आज इस खबर से सम्बंध हम बता देते हैं। 3 महीने पहली खबर में प्रीति शर्मा थी और आजकी खबर में आफताब है।

प्रीति शर्मा ने अपने प्रेमी फिरोज का गला काटकर सूटकेस में भर दिया था। शव को ट्रेन में फैंकने जा रही थी, लेकिन पकड़ी गई।
आजकी खबर में आफताब ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा वालकर की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए 35 टुकड़े कर दिए थे। घटना मई-जून की थी खुलासा अब हुआ। दोनों घटनाओं में समानता यह है कि कातिल कोई भी हो धर्म देखकर अगर कातिल का व्यवहार देखा जाएगा तो गाज़ियाबाद की प्रीति शर्मा कट्टर हिन्दू धर्म से थी, पंडित थी। अपने पति और परिवार को धोखा देकर बाल काटने वाले नाई फिरोज के साथ रहने आ गई थी।
खैर कातिल का कोई धर्म नहीं होता है, वो सिर्फ अधर्मी इंसान होता है।

पहले आपको आफताब-श्रद्धा की पूरी कहानी बताते हैं।
बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को श्रद्धा के शव के टुकड़े करने पर कोई पछतावा नहीं है। उसका कहना है कि उसने अपने बचाव में यानि खुद को बचाने के लिए शव के टुकड़े किए थे। उसके पास शव को ठिकाने लगाने का कोई और चारा नहीं था। हालांकि उसे श्रद्धा की मौत पर पछतावा जरूर है। उसका कहना है कि उसे उसकी मौत पर पछतावा है। उसकी किस्मत खराब है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसका श्रद्धा से मुंबई के समय से ही झगड़ा होना शुरू हो गया था। श्रद्धा उसे बर्तनों से मारती थी तो वह उसे थप्पड़ मारता था। इस झगड़े में उसने श्रद्धा की हत्या कर दी।
आरोपी आफताब ने पूछताछ में ये खुलासा किया है कि श्रद्धा और वह मुंबई के जिस फ्लैट में रहते थे, वहां खुद को दोनों ने पति-पत्नी बताया था।
दोनों एक साथ मुंबई के वसई के वाइट हिल्स सोसाइटी के फ्लैट 201 में करीब छह माह तक रहे थे। दोनों ने पुलिस वेरिफिकेशन के लिए जो कागजात जमा किए थे, उसमें दोनों ने अपना रिश्ता पति-पत्नी का बताया था।
वहीं मृतका के पिता विकास मदन वालकर को 15 सितंबर को पता लग गया था कि श्रद्धा गायब है। उन्होंने अगले दिन ही मुंबई में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुंबई पुलिस ने जांच के नाम पर काफी समय खराब कर दिया था। मुंबई पुलिस 9 नवंबर को दिल्ली पुलिस के पास पहुंची और दिल्ली पुलिस तेज तर्रारी दिखाते हुए महज चार दिन में पूरे केस का खुलासा कर दिया।

अब प्रीति शर्मा के केस पर बात करते हैं।
कहते हैं जब प्यार का खुमार चढ़ता है तो प्यार करने वाले को कुछ भी सही और गलत समझ नहीं आता है। कुछ ऐसा ही गाजियाबाद के तुलसी निकेतन की रहने वाली प्रीति शर्मा के साथ हुआ। पहले से शादीशुदा प्रीति शर्मा का फिरोज नामक व्यक्ति से इश्क परवान चढ़ने लगा। दोनों का प्यार इतना बढ़ा कि प्रीति शर्मा ने अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ रहना गवारा समझा। तीन-चार साल तक दोनों साथ रहे। लेकिन कहते हैं कि जब दो प्रेमी साथ होते हैं तो प्यार के साथ-साथ तकरार भी बढ़ती है। कुछ ऐसा ही प्रीति और फिरोज के साथ होने लगा।
फिरोज पेशे से एक नाई की दुकान पर काम करता था। लगातार चल रहे मनमुटाव से प्रीति इस कदर परेशान हो गई कि उसने अपने प्रेमी पर सोते वक्त उस्तरे से हमला कर उसकी गला काट कर हत्या कर दी। अब हत्या करने के बाद प्रीति अपने घर में लाश के साथ तनहाई में थी। तभी उसको होश आया कि जिसकी हत्या की है उसकी लाश को भी ठिकाने लगाना होगा। जिसके बाद प्रीति ने एक बड़े से सूटकेस में अपने प्रेमी की लाश को पैक किया और उसको लेकर रात के अंधेरे में ठिकाने लगाने के लिए निकल गई।
इसी दौरान गाजियाबाद थाना टीला मोड़ क्षेत्र की पुलिस गश्त पर थी और उन्होंने प्रीति को देखते ही महिला पुलिस के साथ उसकी चेकिंग की। जब उन्होंने सूटकेस खोला तो वह लाश को देखकर दंग रह गए। प्रीति से पूछा गया कि यह लाश किसकी है तो उसने पुलिस के सामने तोते की तरह झूठी कहानियां सुनानी शुरू कर दी। लेकिन जब गाजियाबाद टीला मोड़ पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो प्रीति ने वह सारे राज उगल दिए, जो सूटकेस में फिरोज की लाश के साथ बंद थे। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रीति को गिरफ्तार कर लिया है और अब उसको जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि प्रेमिका ने प्रेमी की हत्या कर शव को कई घंटे तक छिपाए रखा। उसका प्लान सूटकेस को किसी ट्रेन में ठिकाने लगाने की योजना थी। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला ने दिल्ली के सीलमपुर से ट्रॉली बैग खरीदा था। दोनों में शादी न करने को लेकर विवाद हुआ था जिसके चलते प्रेमिका ने प्रेमी की हत्या कर दी।
बहरहाल गाजियाबाद थाना टीला मोड़ पुलिस ने महिला को तो गिरफ्तार कर लिया। लेकिन आज भी एक बड़ा सवाल महिला और उसके प्रेमी के सामने आ खड़ा हुआ है कि जो महिला अपने पति, परिवार को धोखा दे सकती है तो वो किसी और की कैसे हो सकती है।
अब आपने आफताब और प्रीति शर्मा दोनों की कहानी सुन ली होगी। दोनों कहानियों में शायद ही कोई अन्तर नजर आए। लेकिन हमारा भारतीय मीडिया आफताब की स्टोरी पर ऐसे कवरेज दे रहा रहा है जैसे वो कहीं भाग गया हो और मीडिया ही उसे पकड़वा रहा हो।

काश इस मीडिया ने गुजरात के मोरबी में 140 लोगों के हत्यारे पर ऐसा कवरेज दिया होता तो आरोपी जेल की सलाखों के पीछे होता। मोरबी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट भी ठीक से सुनवाई नहीं कर रहा है। हाँ अगर घटना राजस्थान की होती तो सुप्रीम कोर्ट और भारतीय मीडिया स्वतः संज्ञान लेते हुए आरोपी को फांसी के फंदे तक ले गए होते।
30 अक्टूबर रविवार शाम को मोरबी में मच्छु नदी पर हुए केबल पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। ‘झूलता पुल’ के नाम से मशहूर यह ब्रिज ब्रिटिश युग के दौरान बना था। पूरे घटनाक्रम को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पहला सवाल है कि हादसे में मारे गए लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या मोरबी पुल का पतन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का परिणाम था? एक घड़ी कंपनी को पुल की मरम्मत करने का ठेका बिना किसी टेंडर के दिया गया? इस घटना में अपनी जान गंवाने वालों के लिए संवेदना काफी है। आखिर घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक इसके जिम्मेदार लोगों पर ऐक्शन क्यों नहीं लिया गया है?

यही वजह है कि प्रीति शर्मा के केस को भी शायद ही किसी ने सुना हो।

ऐसा ही एक और हालिया केस उन्नाव का केस, इस केस के बारे में भी शायद ही किसी ने सुना हो? उन्नाव में एक लड़के ने अपनी परिचित 18 वर्षीय महिला का पहले रेप किया फिर उसके प्राईवेट पार्ट में लोहे की रॉड, लकड़ी, बोतल डाली और इसके बाद उसकी हत्या कर लड़की के शव को उसके आंगन में ही फैंक दिया। मृतका के पिता ने 2 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है लेकिन घटना यूपी की है और आरोपी हिन्दू हैं तो मीडिया ने भी इस घटना को ज्यादा तवज्जो देने की कोशिश नहीं की। सबसे बड़ी बात यह है कि घटना इसी महीने के नवंबर की ही है। हैवान आरोपी लड़की के साथ जो किया वो आफताब से भी भयानक था। उसने लड़की का बलात्कार किया था, लड़किनके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली थी ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली में निर्भया गैंगरेप कांड हुआ था।
खैर हम फिर से यही कहेंगे, कातिल कोई भी हो, धर्म देखकर उसकी पहचान ठीक नहीं। उसे सजा उसके आरोप देखकर दी जाए। और मीडिया भी अपना रोल ईमानदारी से निभाये। मीडिया की जिम्मेदारी होती है केस की तहकीकात करके सच दिखाने की। लेकिन आजकल मीडिया को कुछ हो गया है। मीडिया अब सारा सच नहीं दिखाता है।

ऐसे केस में चाहे आफताब हो, प्रीति शर्मा हो या रामबरन हो ऐसे लोग समाज में रहने नहीं चाहिए। इन्हें ऐसी कड़ी और खतरनाक सजा मिलनी चाहिए ताकि दूसरे भी इस तरह की खौफनाक घटना को अंजाम देने से पहले 100 बार सोचें।