डूंगरपूर, राजस्थान
15 जनवरी2021
महिला अधिकारिता विभाग के महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में ‘बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं’ की गतिविधियों को लेकर जिला प्रमुख सुर्या अहारी की अध्यक्षता में ईडीपी सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में जिला प्रमुख अहारी ने कहा कि ‘बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं’ को लेकर किये जा रहे कार्यो की मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है।
महिला एवं बेटिओं की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
वर्तमान में भी नवजात बालिकाओं को आये दिन झाडियों एवं सुनसान जगहों पर डाले जाने की जानकारी मिलती है।
हमें ग्रामीण व शहरों में महिलाओं को परामर्श देते हुए उनकी सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण करवाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में कार्यशालाएं विभाग को करने की जरूरत है।
कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान ने कहा कि शैक्षिक रूप से समृद्ध होने के बाद भी आज के युग में भी भू्रण हत्या जैसे कृत्य होना दुःखद और विचारणीय है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी कई योजनाएं संचालित कर रही है जो बेटी के जन्म होने से लेकर उसके बालिक होने तक उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता को संबंल प्रदान करती है।
उन्होंने इन योजनाओं से अधिकाधिक पात्र को लाभान्वित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि महिला अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग तीनों विभागों को आपसी समन्वय से लोगों में जागरूकता लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हमें कार्य के प्रति जागरूकता लाते हुए संवेदनशीलता से लोगों को जानकारी देने की जरूरत है।
उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर जिला एवं ब्लॉक स्तर के कार्यालयों में महिला एवं बेटिओं की सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग एवं अधिकारियों के मोबाईल नंबर एवं टोल फ्री नंबर की जानकारी देने के निर्देश दिये है।
साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बेटिओं को स्कूलों में ही जागरूक करते हुए निडर बनाने एवं घरेलु महिलाओं को भी जानकारी देते हुए जागरूक करने के निर्देश दिये।
कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजोरिया ने कहा कि बेटिओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए वातावरण बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमस ब की जिम्मेदारी है कि बेटियों को सुविधाएं दे एवं उनकी शिक्षा पर पूरा ध्यान देते हुए उनकी सुरक्षा का दायित्व की जिम्मेदारी को भी हमस बखूबी निभायें।
उन्होंने कहा कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिससे आमजन के दृष्टिकोण में भी बदलाव होगा।
उन्होंने कहा कि हमें बेटियों को अवसर देते हुए आगे बढ़ाना है और उनकी प्रतिभाओं को निखारना होगा।
कार्यशाला में चिकित्सा विभाग की समन्वयक सुमित्रा फुमतिया ने बताया कि राज्य सरकार की योजनाएं होने के उपरान्त भी कन्या भू्रण हत्या अधिक हो रही है।
उन्होंने बताया कि भु्रण हत्या की सूचना देने वाले मुखबिर को इनाम राशि भी देय है।
साथ ही उसका नाम नहीं चाहने पर गोपनीय रखने की सुविधा उपलब्ध है।
कार्यशाला में सदस्य सिद्वार्थ मेहता ने बताया कि कक्षा दसवीं से बारहवीें पढ़ने वाली छात्राओं को सही मार्गदर्शन देते हुए उनमें निहित प्रतिभाओं को बढ़ावा देना चाहिए।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की कमला परमार ने बताया कि विभाग में आशा, कार्यकर्ता, सहयोगिनी एवं सुपरवाईजरों से महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
कार्यशाला में संरक्षण अधिकारी गोपीराम मीणा, जिला समन्वयक मुकेश गौर, जिला विधिक सदस्य राजू खटीक, सिद्वार्थ मेहता, परामर्श दाता वीणा यादव, दीपिका पुरी, महिला पर्यवेक्षक गीता मीणा, निशा एवं रक्षा जैन मौैजूद थे।
सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, डूंगरपुर
रिपोर्ट
राजस्थान ब्यूरो
जगदीश तेली