
कंगना रणौत बेशर्मी से कुछ भी लिखती रहती हैं, कुछ भी ट्वीट करती रहती हैं, सबसे बड़ी बात कि कंगना पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है?
अभी हाल ही में कंगना ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। गांधी नेहरू के ऊपर भी कंगना कुछ भी बेशर्मी से लिखती रहती हैं। कंगना अपने आपको को कथित बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता और देश के बारे में अच्छा सोचने वाली समझती है। जबकि कंगना ने अपना कमाने के सिवाय किसी का भला नहीं किया।
कंगना अपने ट्वीट से न सिर्फ नकचढ़ी नज़र आती हैं बल्कि बेअक्ल और बददिमाग भी लगती हैं।

मेरी इस टिप्पणी के लिए माफ करिए लेकिन कंगना एक महिला ही नहीं बल्कि इस देश की जानी मानी एक्ट्रेस हैं, उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं, कंगना की अभद्र टिप्पणियों से बहुत से लोगों पर फर्क पड़ता है, वे अपनी झूंठी और दकियानूसी बातों से माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करती हैं, कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत के केस को इतना तूल दिया कि आत्महत्या भी हत्या बन गई और मुम्बई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार को लोग खुलेआम गालियां देने लग गए।
कंगना रणौत किसी के बारे में कुछ भी अभद्र टिप्पणी करती हैं। लेकिन उनकी इस बदजुबानी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है?
दरअसल कंगना हमेशा विपक्ष पर या विपक्षी नेताओं पर निशाना साधती हैं। वो अघोषित बीजेपी की कार्यकर्ता के रूप में कुछ भी लिखती रहती हैं।

कंगना रणौत कुछ भी ट्वीट करती हैं, उन्होंने अभी गांधी नेहरू के ऊपर एक के बाद एक तीन ट्वीट्स किए। पहले ट्वीट में कंगना ने लिखा- ‘उन्होंने प्रधानमंत्री का योग्य और निर्वाचित पद का बलिदान कर दिया जिससे गांधी खुश रहें क्योंकि उन्हें (गांधी) लगता था कि नेहरू बेहतर अंग्रेजी बोलते हैं। इससे सरदार पटेल नहीं बल्कि पूरे देश को दशकों तक नुकसान हुआ। हमें बेशर्मी के साथ वह छीन लेना चाहिए जिस पर हमारा हक है।’
अपने दूसरे ट्वीट में कंगना ने लिखा, ‘वह भारत के असली लौह पुरुष हैं। मेरा मानना है कि गांधी जी नेहरू की तरह एक कमजोर दिमाग चाहते थे, ताकि वे उन्हें नियंत्रण में रख सकें और नेहरू को आगे कर सभी निर्णय ले सकें। यह अच्छी योजना थी लेकिन गांधी की मृत्यु के बाद जो हुआ वह बहुत बड़ी त्रासदी थी।’
कंगना की बेशर्मी यह नहीं बताएगी की सरदार पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री रहे, सरदार पटेल देश के पहले गृहमंत्री भी रहे। ये पद देश के सबसे बड़े महत्त्वपूर्ण पद होते हैं। गांधी नेहरू के विरोधी लौह पुरुष सरदार पटेल को बेचारा साबित करते हैं, जबकि वे ये नहीं बताएंगे कि सरदार पटेल कांग्रेस में रहते महत्वपूर्ण पदों पर रहे जो प्रधानमंत्री पद के समकक्ष यानि प्रधानमंत्री पद के बराबर एहमियत रखते थे। महात्मा गांधी की हत्या के बाद गोडसे को गिरफ्तार करवाने वाले भी सरदार पटेल थे, यही नहीं सरदार पटेल ने आरएसएस पर भी बैन लगाया था।
इतिहास को बिगाड़ने के लिए गोडसे जैसी सोच रखने वाली कंगना रणौत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, जबकि इस तरह के लोगों के लिए या तो पागलखाना उचित है या फिर जेल।
************************

Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.