आलू, प्याज, टमाटर के दाम इस वक़्त आसमान छू रहे हैं और सरकार के रही है कि पता नहीं महँगाई कब कम होगी। एक तरफ भाजपा के नेता बढ़ती महंगाई को लेकर अभी तक कांग्रेस को कोसने में लगे हुए हैं तो कुछ कह रहे हैं कि कांग्रेस के जमाने से हमारे जमाने में महँगाई कम हुई है।
जब नेताओं के सामने पब्लिक से सवाल पूँछा जाता है तो पब्लिक महँगाई का रोना रोती है और नेता कांग्रेस का। लेकिन कोई जबाव सरकार या भाजपा नहीं दे पाते हैं।
सब्जियों की बढ़ती कीमत से जहां आम आदमी परेशान हैं वहीं मंत्री मंत्री जी कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि सब्जियों के दामों में कब और कैसे गिरावट आएगी।
जब केंद्र सरकार के मंत्री ही ऐसा जबाव दें तो आम जनता जाए तो जाए कहाँ? अपना दुखड़ा कहाँ रोये?
क्या केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का ये जबाव हैरान करने वाला नहीं है?
हालांकि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान यह कहते जरूर नज़र आये कि केंद्र सरकार पूरी ताकत के साथ इस पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने इसको लेकर लोगों से सुझाव भी मांगे हैं।
केंद्र में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री पासवान ने कहा, ‘केंद्र और राज्य को मिलकर इस समस्या से लड़ना है। केंद्र पूरी ताकत से इस दिशा में काम कर रहा है। हम कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि यह कब और कैसे कम होगी तो मेरे पास इसका जवाब नहीं है।’ बता दें कि दिल्ली में कम सप्लाई के चलते प्याज की रिटेल कीमत 80 रुपये तक पहुंच गई है। दूसरे कई शहरों में भी ऐसा ही हाल दिख रहा है। क्वॉलिटी के लिहाज से दूसरे शहरों में इसकी कीमत 50-70 रुपये किलो के बीच चल रही है।
दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की कीमत 50-60 रुपये किलो है। यही प्याज रिटेल मार्केट में 80 रुपये किलो के रेट पर बिक रहा है। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की सप्लाई 47 प्रतिशत कम होकर मंगलवार को 12,000 क्विंटल रह गई, जबकि साल भर पहले इसी दिन यह 22,933 क्विंटल थी। लासलगांव एशिया में प्याज की सबसे बड़ी मंडी है। यहां मंगलवार को प्याज 33 रुपये किलो के रेट पर बिका, जबकि साल भर पहले मंडी में प्याज की कीमत 7.50 रुपये किलो थी। ट्रेडर्स का कहना है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से कम सप्लाई के चलते होलसेल और रिटेल मार्केट में प्याज की कीमत अधिक बनी हुई है।
इधर, केंद्रीय मंत्री पासवान ने लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली सरकार को पीडीएस के तहत प्याज बेचने को कहा गया है। महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से कम कीमत पर खरीदने के बाद बेचने को कहा गया है। अगर आपके पास कोई सुझाव है तो आप साझा कीजिए हम इस पर विचार करेंगे।’
सरकार ने देश से प्याज के एक्सपोर्ट के लिए 850 डॉलर प्रति टन का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय किया था। इससे बाजार में प्याज के दाम नीचे आने की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि, किसानों को आशंका है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में खरीफ की फसल की आवक बढ़ने से प्याज बहुत अधिक सस्ता हो सकता है। गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार प्याज के बढ़ते दाम को लेकर चिंतित है।