जीएसटी को लेकर लोगों में अभी तक डर बना हुआ है और बहुत सारे लोग अभी भी इसके फायदे और नुकसान से अनजान हैं तो कुछ को जानकारी तो है लेकिन जीएसटी के रेटों की वजह से अभी भी उलझन में हैं।
इन्हीं सवालों के बीच केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि जीएसटी देश के हित में है, नया होने की वजह से लोगों को अभी समझ नहीं आ रहा है लेकिन जीएसटी को हम और सुगम बना रहे हैं और उसी के मुताबिक इसमें जरूरी बदलाव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी साल 2018 के मार्च से बेहद आसान हो जाएगा, क्योंकि सरकार लोगों की चिंताओं पर गौर कर रही है और इसे इतना आसान कर दिया जाएगा कि किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 116वें सालाना सत्र को संबोधित करते हुए शुक्ल ने कहा, ‘मार्च तक, यह इतना आसान होगा कि बच्चे तक इसे समझ सकेंगे। यहां तक कि सिंगापुर जैसे देश में भी जीएसटी को स्थापित होने में चार साल लगे थे। मुझे गर्व है कि हमारी सरकार इतनी तेजी से मुद्दों को सुलझा रही है।
मंत्री ने कहा, जीएसटी परिषद की गुवाहाटी बैठक के बाद, कई उत्पादों पर कर की दर 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो गई है, जिसका व्यापारियों ने स्वागत किया है। बैंकों के फंसे हुए कर्जों (एनपीए) की बढ़ती समस्या पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बैंकों की हालत सुधारने के लिए पुनर्पूंजीकरण के माध्यम से मदद करने का फैसला किया है, लेकिन बैंकों को सरकार पर आश्रित होने की ‘परंपरा’ कायम नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो बैंकों को बचाया नहीं जा सकेगा। लेकिन बैंकों को इसे परंपरा नहीं बनाना चाहिए। केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है।
अगर ऐसा हुआ तो लोगों की परेशानियां खत्म हो सकती हैं और जीएसटी को लेकर बढ़ रही लोगों की उलझन दूर हो जाएगी।