कल मिस्र में एक मस्जिद पर हुए भयानक और डरावने हमले में अब तक लगभग 250 लोग मारे जा चुके हैं और 120 से ज्यादा घायल बताये जा रहे। आतंकवादियों ने ये कायराना हमला उस वक़्त किया जिस वक़्त लोग नमाज़ पढ़कर मस्जिद से निकल रहे थे।
अब दुनिया के हर हिस्से में आतंकवादियों के इस कायराना हमले की निंदा हो रही है। इस हमले का आरोप आतंकवादी संगठन ISIS पर लग रहा है।
ये संगठन खुद को इस्लाम की रक्षा करने वाला बताता है। क्या ऐसे कायराना हमलों से इस्लाम की रक्षा हो सकती है? इस आतंकवादी संगठन की किस किताब में लिखा है कि अल्लाह की इबादत करने वालों को अपना निशाना बनाकर कायराना तरीके से उनकी जान ले ली जाए? क्या ऐसे खूंखार और कायर आतंकवादी किसी धर्म की रक्षा कर सकते हैं? क्या ऐसे आतंकवादी अपनी कायरता से शांति का पैगाम दे सकते हैं ?
मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में शुक्रवार को एक मस्जिद पर हुए भयावह आतंकी हमले में कम से कम 250 लोगों की मौत हो गई और 120 से ज्यादा घायल हो गए। यह हमला आम नागरिकों पर हुआ यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। उत्तरी शहर अरीश के बीर अल-अब्द कस्बे में स्थित अल रवदाह मस्जिद में आतंकवादियों ने घरों में बने विस्फोटकों को लगाया और जब लोग नमाज पढक़र लौट रहे थे, उसी दौरान विस्फोट किया। जिन व्यक्तियों ने बचकर भागने की कोशिश की, उन पर आतंकवादियों ने गोलियां भी चलाई।
ख़बरों के अनुसार घटनास्थल से ली गई तस्वीरों में मस्जिद के अंदर खून से लथपथ पीडि़तों को देखा जा सकता है। इस विस्फोट में मस्जिद को भी भारी नुकसान पहुंचा। मिस्र के स्वास्थ्य मंत्री के प्रवक्ता खालिद मुजाहिद ने सरकारी टीवी चैनल मासरिया टीवी से बात करते हुए इसे एक कायराना अतांकवादी हमला बताया।
एक रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस हमले में मस्जिद में नमाज पढ़ रहे सुरक्षा बलों के समर्थकों को लक्षित किया गया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह अल-सिसी ने इस घटना पर चर्चा के लिए सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है। मिस्र ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। अब तक किसी संगठन ने इस संहार की जिम्मेदारी तो नहीं ली है लेकिन आतंकवादी संगठन ISIS पर इस हमले का शक जताया जा रहा है।
खैर जिस किसी भी संगठन ने ये हमला किया वो अमन, शांति या किसी धर्म का प्रतीक तो कतई नहीं हो सकता है। ऐसा सिर्फ जंगली और पागल जानवर ही कर सकते हैं जिन्हें अमन और शांति से कोई लेना देना नहीं और ना ही किसी धर्म से कोई मतलब। ऐसे लोगों को ना किसी ईश्वर से लगाव होता है ना किसी अल्लाह से। ऐसे आतंकवादी सिर्फ अपने मतलब और लालच के लिए इंसान की बलि ले लेते हैं ऐसे लोगों को सिर्फ नरभक्षी की संज्ञा दी जा सकती है।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस