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वो माँ और पत्नी के झगड़े के बीच पिसता रहा और एक दिन उसने कुछ ऐसा किया कि वो ना माँ को मिला ना पत्नी को..

 

ये कहानी है एक बड़े ही होनहार बेटे की और अच्छे पति की भी। एक ऐसा बेटा जो अपनी माँ से बेहद प्यार करता था। एक ऐसा पति जो अपनी पत्नी को भी बहुत प्यार करता था लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसा था जो उसे आये दिन सताए जा रहा था अंदर से तोड़े जा रहा था।

ये कहानी है मुकेश पांडे की जो 2012 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अफसर थे। लेकिन उन्होंने आत्महत्या कर ली वो भी गाज़ियाबाद में ट्रेन के सामने। जहां उनके शरीर के चीथड़े उड़ गए। ऐसे चिथड़े जिन्हें ना पत्नी देख पायी ना माँ..।

आईएएस मुकेश पांडे का मौत से पहले रिकार्ड किया गया एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वे सुसाइड से पहले अपनी जिंदगी का दर्द बयां करते नजर आ रहे हैं। किस कदर वे जिंदगी से टूट गए थे और आखिर उन्हें सुसाइड के अलावा कोई और रास्ता क्यों नजर नहीं आया।

मुकेश अपनी जिंदगी से बेहद तंग आ गए थे। खुद एक बड़े और काबिल अफसर होने के बाबजूद वो घरेलू कलह को झेल नहीं पाए और मौत को गले लगा लिया।

मुकेश के मुताबिक उन्हें अपनी शादीशुदा जिंदगी में आ रही परेशानियों ने तोड़ कर रख दिया था। उनका कहना था कि पत्नी और मां के बीच आए दिन झगड़े होते रहते हैं जिससे वे तंग आ गए थे। उन्होंने अपने रिकॉर्डेड वीडियो में अपनी खुदकुशी के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।

लेकिन उनकी मौत से , उनके इस संसार से चले जाने का फायदा किसे हुआ? शायद उनके परिवार को तो कभी ना हुआ हो। ना एक पत्नी का फायदा हो सकता है और ना ही एक माँ का।

मरने से पहले मुकेश पांडे के मुताबिक उनकी पत्नी और मां दोनों ही उनसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं। लेकिन, किसी भी चीज की अति होना अच्छी बात नहीं है। मैं शांति पूर्वक जीवन बीताने वाला इंसान हूं, परिवार के झगड़ों ने मुझे इस कदर तोड़ कर रख दिया है कि अब मेरे पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।

मेरा नेचर मेरी पत्नी के नेचर के ठीक विपरीत है। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन हमारा साथ रहना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि पहले उनका इरादा अध्यातम की ओर जाकर खुद को शांत रखने के लिए समाज सेवा से जुड़ने का था लेकिन, उन्हें लगा ये भी व्यर्थ होगा।

इससे अच्छा है कि मैं एक बार हिम्मत जुटाकर अपने अपने जीवन की ईहलीला को ही समाप्त कर लूं। उसके बाद मुझे सुकून मिलेगा या जो भी होगा उसे मैं कबूल करूंगा। इस जीवन से मेरा मन भर गया है। मेरे अंदर अब जीने की कोई इच्छा नहीं रह गई है।

 

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